Wednesday, May 11, 2016

Thousand of Shiv lingas was carved by king Sadashivaraya



Pilgrim place Sahasralinga located at a distance of 17 km from Sirsi in Uttara kannada district which is on the banks of the river Shalmala near Bhairumbe village. More than 1000 Shiva lingas carved on the rocks –some on the river bank and some present in the river it is believed that
Bholenath Bhakt King Sadashivaraya, king of Karnataka (1678-1718) created 1001 Shivalingas by carving them on rocks He used to worship Lord Shiva as he was childless. He made vow to the Lord Shiva that the moment he would have a child, he would carve thousand lingas on the Shalmala river bank.  Soon after his vow, a daughter was born; hence the Sahsralingas were created on the bank of Shalmala River.  There are also bulls and other artistic forms carved on the rocks of the river

Monday, May 9, 2016

अक्षय तृतीया का महत्व क्या है जानिए कुछ महत्वपुर्ण जानकारी



आज के दिन ही 1008 भगवान आदिनार्थ को गन्ने का आहार 6 माह बाद आहार की विधि मिली

आज  ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।

महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।

माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था 

द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।

कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।

कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।

सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।

ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था ।

प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।

बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो बस्त्र से ढके रहते है ।

इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।

अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है