Wednesday, April 20, 2011

Mamatamai Shri Radhe Maa


दिनांक १८ अप्रैल २०११ को हर साल की तरह इस साल भी अपने भक्तों की विशेष बिनती पर ममतामयी श्री राधे माँ ने पठानकोट के निकट स्तिथ सिद्ध काठगढ़ महादेव जी के दर्शन कियेl



देवी माँ जी के साथ मुकेरियां के कई भक्तों को भी इस अनूठे शिवलिंग के दिव्य दर्शनों का लाभ मिला, जो की प्राचीन काल से दो शिलाओं में विभाजित है, पौराणिक कथाओं के अनुसार बड़ी शिला को शिव जी और छोटी शिला को पार्वती जी माना गया है और यह दोनों शिलाएं समय समय पर जुडती  और अलग होती रहती हैंl

स्थानीय लोगों ने भी जब करुणामयी श्री राधे माँ के दर्शन किये तो वो भी अपने को धन्य धन्य मानने लगे!

 
मिक्की सिंग और उनके साथी कलाकारों ने रल मिल के शेरांवाली माँ और शिव भोले बाबा का सुन्दर मनमोहक गुणगान किया और शिव भोला समिति द्वारा लंगर की सुंदर व्यवस्था भी की गयीl



पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी में प्रभुत्ता को लेकर द्वन्द हुआ और इस युद्ध को रोकने हेतु शिव जी ने मध्यस्तता की और एक अग्नि स्तम्भ का रूप ले दोनों के मध्य विराजमान हो गए, कहते हैं काठगढ़ महादेव की दोनों शिलाओं में से बड़ी वाली शिला वही अग्नि स्तम्भ है!

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