हिन्दू धर्म में सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी- देवताओं के लिए समर्पित होता है। सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा में विशेष महत्व रहता है। शिवपुराण के अनुसार इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से धन संबंधी और कुंडली दोष के निवारण होता है। शिवजी को खुश करने के लिए भक्त शिवलिंग पर कई चीजें अर्पित करते हैं, लेकिन कई बार भूलवश ऐसी चीजें शिवलिंग पर चढ़ाने लगते है जिसे शास्त्रों में वर्जित माना जाता है।
1. भगवान शिव की पूजा में शंख का इस्तेमाल वर्जित माना जाता है। दरअसल भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के सुर का वध किया था, जो भगवान विष्णु का भक्त था शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है। इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है शिवजी की नहीं।
2. तुलसी को हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है और सभी शुभ कार्यों में इसका प्रयोग होता है, लेकिन तुलसी को भगवान शिव पर चढ़ाना मना है। भूलवश लोग भोलेनाथ की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करते हैं जिस वजह से उनकी पूजा पूर्ण नहीं होती।
3.तिल को शिवलिंग में चढ़ाना वर्जित माना जाता है क्योंकि यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए।
4.भगवान शिव को अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा है। टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए यह शिव जी को नही चढ़ता।
5.कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक होता है जबकि भगवान शिव वैरागी हैं इसलिए शिव जी को कुमकुम नहीं चढ़ना चाहिए।
6. हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से है इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ता है।
7. हालांकि शिवलिंग पर नारियल अर्पित किया जाता है लेकिन कभी भी शिवलिंग पर नारियल के पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए। नारियल देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है जिनका संबंध भगवान विष्णु से है इसलिए शिव जी को नहीं चढ़ता।
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