Thursday, April 25, 2019

भगवन शिव की अद्भुत कहानी । Story of Lord Shiva |


कई पुराणों की बात करें अगर हम तो भगवान शिव के जन्म के बारे में कोई साक्षात् हमारे पास उपलब्ध नहीं है न इस दुनिया के किसी कोने में है ! पुराणों से हमे पता चलता है की भगवान शिव निरंकार है ! भगवान शिव कोई रूप नहीं ! हम सब जिन्हें भगवान जानते है ! वो सभी एक ही है ! भगवान शिव जी का रूप कैसा है किस तरह का कोई नहीं जनता है ! भगवान शिव एक ज्ञान हैं ! दुनिया का निर्माण भगवान शिव ने किया शिव के जन्म की कहानी - वैसे तो हमारे प्राचीन वेदों में भगवान शिव जी को एक निराकार रूप बताया गया है पुराणों से हमे पता चलता है की उन्होंने भगवान विष्णु को जन्म दिया और विष्णु भगवान की नाभि से ब्रह्मा जी का जन्म हुआ ! 

भगवान विष्णु और ब्रह्मा दोनों को जन्म के बाद, तब उन्हें ये भी नहीं पता था की वो इस लोक में कैसे आये कहा से आये उन्हें कौन लाया है ! इस संसार में दोनों को बहुत शक्तिशाली मना गया है ! पुराणी कथाओं की मानें तो बात-बात पर दोनों में बहस सुरु हो गयी थी की कौन हम दोनों में महान हैं कौन किससे ज्यादा शक्तिशाली है ज्यादा शक्तिशाली है या कोन बड़ा है ! वो दोनों आपस में ही लड़ने लगे ! एक बार इन दोनों के बिच युद्ध करीबन दस हजार सालो तक चला ! अलग अलग धारणाओं की मानें तो शिव पुराण और विष्णु पुराण की अलग अलग मान्यताएं हैं शिव पुराण के अनुसार एक बार जब भगवान शिव अपने टखने पर अमृत मल रहे थे तब उससे भगवान विष्णु पैदा हुए जबकि विष्णु पुराण में कहा गया है कि ब्रह्मा भगवान विष्णु की नाभि कमल से पैदा हुए, जबकि शिव माथे के तेज से उत्पन्न बताये गए है. 

सर्वशक्तिमान भगवान शिव हिंदू धर्म के सबसे देवताओं में से एक है, जो मूर्तिपूजा है क्योंकि भगवान शिव के शैवती संप्रदायों के प्रमुख प्रभु यह है कि "बुराई के विध्वंसक", हिंदू त्रिमूर्ति जिसमें ब्रह्मा और हिंदू देवता हैं शैव धर्म की परंपरा में, शिव यह है कि सभी का ईश्वर, ब्रह्मांड को संरक्षित और बदलता है। हिंदुत्व की दिव्यता परंपरा के भीतर शक्तिवाद के रूप में संदर्भित, देवत्व सर्वोच्च के रूप में चित्रित किया गया है, फिर भी शिव हिंदू देवता और ब्रह्मा के बखूबी सम्मानित है। 

हम सब जानते हैं शिव शक्तिमान हैं संसार चलाने के लिए शिव जी अपना विस्तार किया और विष्णु जी को इस संसार का पालक बनाया ! श्री ब्रह्मा जी को जन्म देने वाले भगवान् शिव ने और जरुरत पढ़ने पर विष भी पिने वाले भगवान बने ! भगवा न्विष्णू शिव की पूजा करते है ! शिव जी विष्णु की पूजा करते है ! पर तीनो ही सर्वश्रेस्ठ है ! कोई बड़ा या छोटा नहीं है ! भगवान शिव का जन्म कैसे हुआ – इस बात का जवाब यही है ! 

शिव की नहीं कोई शुरुआत है और नाही अंत जो शुरू होता है उसे खत्म भी होना होता है ! पर भगवान शिव इन सबसे परे है ! उनका कोई जन्म नहीं हुआ और नाही कोई अंत होगा ! भगवान शिव सबसे पहले है और भगवान शिव सबसे अंत तक रहेंगे ! भगवान शिवशंकर जिन्हें हम जानते है ! ये बस एक आकार ग्रहण करण था!

For medical and educational help, we are a helping hand. Kindly visit our website on www.radhemaa.com 

                                                                                                                                                                                                                  Source:http://bit.ly/2Vx7WOh

No comments: