Monday, December 31, 2018

सफला एकादशी -जानिए संपूर्ण पूजन विधि, कथा व महत्व |


पौष मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 18 दिसंबर, गुरुवार को है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस व्रत को करने से भगवान श्रीकृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं। इस व्रत की विधि इस प्रकार है- 

सफला एकादशी के दिन सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहन कर माथे पर चंदन लगाकर कमल अथवा वैजयंती फूल, फल, गंगा जल, पंचामृत व धूप-दीप से भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा एवं आरती करें। भगवान श्रीहरि के विभिन्न नाम-मंत्रों का उच्चारण करते हुए फलों के द्वारा उनका पूजन करें। पूरे दिन निराहार रहें, शाम को दीपदान के बाद फलाहार कर सकते हैं।

इस रात्रि को वैष्णव संप्रदाय के लोग भगवान श्रीहरि का नाम-संकीर्तन करते हुए जागते हैं। सफला एकादशी की रात जागरण करने से जो फल प्राप्त होता है, वह हजारों वर्ष तक तपस्या करने पर भी नहीं मिलता, ऐसा धर्मग्रंथों में लिखा है।

द्वादशी (19 दिसंबर, शुक्रवार) के दिन भगवान की पूजा के पश्चात कर्मकाण्डी ब्राह्मण को भोजन करवा कर जनेऊ एवं दक्षिणा देकर विदा करने के पश्चात भोजन करें।

                                                                                                                                  Source: https://bit.ly/2St7L1D

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