Wednesday, December 26, 2018

बाल श्री कृष्णा की रोचक कथा |

          बाल श्री कृष्णा की रोचक कथा

श्री कृष्णा जन्म : बाल कृष्णा का जन्म जन्माष्टमी के शुभ पर्व से जाना जाता है | श्री कृष्णा भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे | जब कृष्णा का जन्म हुआ तब जेल के सभी सनतरी माया से सो गए | जेल के दरवाजे स्वत: ही खुल गये | उस वक़्त भारी बारिश हो रही थी | यमुना नदी में उफान मचा हुआ था | एसे में वासुदेव बाल क्रिशन को टोकरी में रखकर जेल से बहार निकल गए | पर उनको गोकुल जाने के लिए यमुना नदी को पार करना था वो काफी मुश्किल लग रहा था |और तभी जाने कोई चमत्कार हुआ की अचानक ही यमुना नदी के जल दो हिस्सों में बंट गए और अपने आप रास्ता बन गया | वासुदेव कृष्णा को अपने मित्र नंदजी के वहां ले गए जहाँ पे नन्द की पत्नी यशोदा को भी एक संतान ( कन्या ) हुई थी | वासुदेव ने  कृष्णा को  वहीँ सुला दिया और उस कन्या को लेकर जेल में आ गए | कृष्णा को जन्म भले देवकी माता ने दिया था पर उनकी पालक माता तो यशोदाजी थी |

पूतना का वध : जब कृष्णा के मामा कंस को पता चल जाता है की छल से देवकी और वासुदेव ने अपने पुत्र को कहीं भेज दिया है तो वो चारों और अपने अनुचरो को सूचित करता है की कृष्णा जन्म के समय पे जितने भी बालकों का जन्म हुआ है उनका वध कर दिया जाये | कंस के अनुचरो को पता चल जाता है की कृष्णा गोकुल मैं है यमुना के उसपार | और श्री कृष्णा का मामा कंस अपने राक्षसों को भेजकर उसको मारने का प्रयास करता है | पर उन सब को बाल कृष्णा ने मार गिराया | पूतना का आतंक उस समय बहुत ज्यादा था | और कंस ने पूतना को कृष्णा को मारने के लिए भेजा पर पूतना को वोह नहीं पता था की बाल कृष्णा भगवान विष्णु का रूप थे | और श्री कृष्णा ने पूतना का वध किया और सभी मनुष्यों को उनके आतंक से मुक्त किया |

बाल कृष्णा की लीलाएँ :  
(1) बाल कृष्णा को माखन बहुत ज्यादा पसंद था | इसीलिए वह हररोज सब गोपियों के घर जाकर माखन चुराके भी खाते थे | 

(2) एक दिन बाल कृष्णा ने मिटटी खाई | और माता यशोदा मिटटी देखने के लिए उनके मुख को खोलती है तो माता यशोदा को बाल कृष्णा के मुख में ब्रह्मांड और तीनों लोको का दर्शन होता है |

(3) श्री कृष्णा को रास लीला बहुत पसंद थी | इसीलिए श्री कृष्णा अपने मित्रों के साथ मिल कर हर पर्व पे रासलीला का आयोजन करते थे |

(4) कदम्ब वन में उन्होंने बलराम के साथ मिलकर कालिया नाग का वध किया था |

(5) बाल कृष्णा की शरारत बढ़ जाने से माता यशोदा उनको एक पेड़ पर रस्सी से बांध कर रखती थी | 


जन्माष्टमी के शुभ पर्व पर भारत में दहीं हांड़ी का आयोजन होता है | जिसको गोविन्दा बने छोटे बच्चे एक पिरामिड बनाकर फोड़ते है | हर मंदिर में हिंडोडा दर्शन का आयोजन किया जाता है | और जन्माष्टमी के रात 12 बजे श्री कृष्णा का जन्म बड़े धामधूम से मनाया जाता है |  

                                                                                                                                                               Source : https://bit.ly/2V97wKO

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