Thursday, September 20, 2018

विष्‍णु भगवान के चार हाथों के पीछे है इतनी बड़ी कहानी




हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु को धरती पर सबसे ज्यादा मनुष्य रूप में अवतार लेने वाले सभी देवताओं में सबसे पहला स्थान दिया जाता है।

अक्सर शेषनाग की शैय्या पर मौन होकर लेटे रहने वाले भगवान विष्णु का एक ऐसा रहस्य है जो उनके आशीष देने वाले हाथ से जुड़ा है।
पौराणिक कथा के मुताबिक, प्राचीनकाल में जब भगवान शिव के मन में सृष्टि की रचना का विचार आया तो उन्होंने अपनी अंतर्दृष्टि से भगवान विष्णु को उत्पन्न किया।

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उन्हें चार हाथ भी प्रदान किए जिसमें कई शक्तियां विदमान हैं। भगवान विष्णु के दो हाथ मनुष्य के लिए भौतिक फल देने वाले हैं, पीठ की तरफ बने हुए दो हाथ मनुष्य के लिए आध्यात्मिक दुनिया का मार्ग दिखाते हैं।

माना जाता है कि भगवान विष्णु के चार हाथ चारों दिशाओं की भांति अंतरिक्ष की चारों दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। श्रीहरि के यह चारों हाथ मानव जीवन के लिए चार चरणों और चार आश्रमों के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं-


पहला - ज्ञान के लिए खोज (ब्रह्मचर्य )।


दूसरा - पारिवारिक जीवन (गृहस्थी)


तीसरा - वन में वापसी (वानप्रस्थ)


चौथा - संन्यास (संन्यासी जीवन)। 


                                                                                                                source - https://bit.ly/2Npk1Sn

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