Thursday, November 29, 2018

अरुनिमा सिन्हा की बहादुरी को सलाम ।


" असफल हम तब नहीं होते जब हम अपने उद्देश्य को पाने के कही कम पड़ जाते है मगर जब हमारे                              पास कोई बड़ा उद्देश ही नहीं होता तब हम नाकामयाब हो जाते है।’

अरुनिमा सिन्हा दुनिया की पहली महिला और भारत की पहली विकलांग महिला है जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढने का काम कर दिखाया है। अरुनिमा सिन्हा राष्ट्रीय स्थर की वॉलीबॉल खिलाडी भी है।
एक बार वह ट्रेन से जा रही थी और अचानक वहापर कुछ चोर आ गए और उन्होंने उनके गले का हार जबरन निकालते समय उन्हें चलती ट्रेन के निचे फेक दिया था। ट्रेन की पटरी पर गिरने के बाद उनके शरीर के ऊपर से 49 ट्रेन उन्हें कुचलकर चली गयी।
ऐसी ख़राब हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया उस वक्त उनके पैर पूरी तरहसे कट चूका था इसीलिए उनके पैर में रॉड डालकर पैर को ठीक किया गया। उनकी कहानी मीडिया में बहुत मशहूर हुई मगर उसकी वजह से उन्हें कुछ आलोचना और अफवाह का सामना भी करना पड़ा।
उसके बाद में उन्होंने फैसला की किया खुद को सही साबित करने के लिए कुछ करना ही पड़ेगा। फिर उन्होंने फैसला किया वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का मुश्किल काम कर दिखाएंगी और वो भी अपनी विकलांगता के साथ। जब उन्होंने अपना यह फैलसा सुनाया तो सभीने उनका मजाक उड़ाया और डॉक्टर ने भी उन्हें जाने के लिए मना कर दिया था।
मगर उन्होंने किसी की एक बात भी नहीं सुनी उन्होंने ठान लिया की इस नामुमकिन काम को कर दिखाना है और दुनिया के सबसे उचे माउंट एवरेस्ट पर चढ़ कर दिखाना ही है।
                                                                                           Source : https://bit.ly/2Rn4uQG

Monday, November 26, 2018

शिव महापुराण ।


दैत्यों का स्वभाव तो सदैब से शक्तिसम्पन्न होते ही देवतावों और मनुष्यो को पीड़ित  करना रहा है |
ब्रह्मा जी से वर पाने के बाद तरकसुर के ३ पुत्रों ने मयदानव के द्वारा ३ नगर बनवाए | उसमे एक सोने का एक चांदी का एक लोहे का था | ये नगर आकाश में इधर उधर घूम सकते थे | इसमें बढे बढे भवन थे बाग़ , सड़के थी | करोडो दानव उसमे निवास करते | सुख  सुविधा तो उन नगरों में इतनी थी की कोई भी दवन जो भी इच्छा करता उसे वह  मिल जाता | इतना ही नहीं तरकसुर के पुत्र ने तपस्या करके ब्रह्मा जी से वर मांगकर मुर्दो को भी जीवित कर देने वाली बाबड़ी बनवाई | कोई भी दानव अगर मर जाता तो उसे उस बाबड़ी में ले जाया जाता | वह पुनः जीवित हो जाता और पहले से ज़्यदा शक्तिशाली हो जाता | फिर क्या था दानव निर्भय होकर देवतओं को डराने लगे | वे जगह जगह देवतओं को भगाकर इधर उधर विचरने लगे | वे मर्यादाहीन दनाव देवतओं के उद्यानों को तहस नहस करदेते और ऋषियों के पवित्र आश्रमों को भी नष्ट कर देते | इनके अत्याचारों से चारो तरफ हाहाकार मच गया |
इस प्रकार जब सब लोक पीड़ित हो गए तो साभी देवता  इंद्रा के साथ मिलकर उन नगरों पर प्रहार करने लगे | किन्तु बर्ह्मा जी के वर के प्रभाव से सबअसुर पुनः जीवित हो जाते थे |
सभी देवता मिलकर बह्मा जी के पास गए | बह्मा जी ने देवतओं को बताया की भगवान् शिव (lord Shiva )के अलावा आपको कोई भी इस समस्या से नहीं निकाल सकता | तदन्तर बर्ह्मा जी के नेतृत्व में सभी देवता भगवान् शिव के पास गए | भगवान् शिव शरनपन्नो को अभयदान देने वाले है . तेजराशी पारवती जी के पति भगवान् शिव के दर्शन पाकर सभी देवतओं ने सर झुककर प्रणाम किया | भगवान् शिव  ने आशीर्वाद स्वरुप कहा कहिये आप सब की क्या इच्छा है |
भगवान् शिव  की आज्ञा पाकर देवतओं ने भगवान् शिवकी स्तुति की और कहा हम मन वाणी , कर्म से आपकी शरण में हैं आप हमपर कृपा करे | भगवान् शिव  ने प्रसन्न होकर कहा आप सब भय रहित होकर कहिये मैं आपका क्या कार्य करू |
इस प्रकार जब महादेव जी ने देवतओं को अभयदान दे दिया तब बर्ह्मा जी ने हाथ जोड़कर कहा- सर्वेशर आपकी कृपा से प्रजापति के पद पर प्रतिष्ठित होकर मैंने दानवो को एक वर दे दिया  था | जिससे उन्होंने सब मर्यादायों को तोड़ दिया आपके सिवा  उनका कोई वध नहीं कर सकता |
तब भगवान् शिव ने कहा – देवताओं ! में धनुष – बाण धारण करके रथ में सवार हो उनके वध शीध्र ही करूँगा | देवतागण संतुष्ट होकर भगवान् शिव की जय जय कार करने लगे .
                                                                                                                                                                           Source:https://bit.ly/2zriAcZ

Saturday, November 24, 2018

घर के भीतर लगे ये पौधे आपको बाहरी प्रदूषण और बुरी ऊर्जा से बचाए रखते हैं...



प्रकृति

जब विज्ञान नहीं था तो क्या लोगों की बीमारियों का इलाज नहीं होता था? तब क्या लोग बीमार नहीं पड़ते थे? तब बड़ी-बड़ी बीमारियों को काटने की औषधि नहीं बनती थी क्या? जरूर बनती थी... और यह सब कार्य उस समय प्राकृतिक तरीकों से किए जाते थे, जिसे आज का युग दरकिनार कर चुका है।

शारीरिक समस्याओं का समाधान

प्रकृति ने हमें इतना कुछ दिया है कि हम अपनी हर शारीरिक समस्या का समाधान उसमें पा सकते हैं। जड़ी-बूटियां, पेड़-पौधे, यह सब वह चीज़ें है जिनके प्रयोग से फायदेमंद औषधियां तैयार की जा सकती हैं। लेकिन इन्हें कोई इस्तेमाल ही नहीं करना चाहता..

इनका इस्तेमाल करें

क्योंकि मॉडर्न बन चुकी पीढ़ी को वह दवाएं चाहिए जो पल झपकते ही असर कर दें और रोग को काट दें। लेकिन वे लोग इस बात से अनजान हैं कि ये दवाएं असर तो कर देती हैं लेकिन साथ ही दे जाती हैं कुछ साइड इफेक्ट्स, जो धीरे-धीरे बीमारियां बनाते हैं।

कुछ पेड़-पौधे

आज इस आर्टिकल के जरिए हमारा मकसद आपको ना केवल प्राकृतिक औषधियों का महत्व समझाना है, वरन् साथ ही वे कौन से पेड़-पौधे हैं जिन्हें यदि आप अपने आसपास रखें या उनका रोज़ाना इस्तेमाल करें तो आप कई सारी बीमारियों से बच सकते हैं।

अधिक जगह नहीं घेरते

अच्छी बात तो यह है कि आप इन पेड़-पौधों को अपने घर के भीतर भी उगा सकते हैं। यह पौधे ज्यादा बड़े नहीं होते, अधिक जगह नहीं घेरते और साथ ही महकते भी हैं ताकि घर-आंगन खुशबूदार लगता रहे।

तुलसी का पौधा

इस लिस्ट में पहला पौधा है तुलसी का पौधा। यह पौधा आप हर दूसरे हिंदुस्तानी घर में देख सकते हैं। क्योंकि भारत में तुलसी को पूजनीय माना गया है, घर की महिलाएं रोज़ाना सुबह उठकर इस पौधे की पूजा करती हैं। लेकिन उपासना के अलावा इस पौधे के और भी कई सारे गुण हैं।

अनेक फायदे

जैसे कि, क्या आप जानते हैं कि तुलसी का पौधा 3 से 4 फीट से अधिक ऊंचा नहीं होता। ना ही यह घर में उगने के लिए अधिक जगह लेता है, तो इसका मतलब है इसे घर के किसी भी कोने में लगाना आसान है।

तुलसी के फायदे

चलिए आपको इस पौधे के फायदे बताते हैं.... घर के जिस आंगन में या क्षेत्र में तुलसी का पौधा होगा वहां कीटाणु नहीं आते। यह पौधा कीटाणुओं को काटने का काम करता है। इसके अलावा इसकी महक से वातावरण भी अच्छा रहता है। ना केवल वातावरण, बल्कि इसकी महक में मौजूद एस्ट्रोन हमारे मानसिक संतुलन को बनाए रखता है।

पुदीना

पेट की समस्या को छूमंतर करती है पुदीने की पत्तियां। क्या आप जानते हैं कि उपजाऊ मिट्टी में 2 या 3 दिन भी पुदीने का पत्ता रोप दिया जाए, तो वह जल्द ही पौधा बनने लगता है। देखिए कितना आसान है इसे घर में उगाना...

फायदे

दूसरा फायदा, यह तुलसी के पौधे से भी अधिक महक देता है। तीसरा फायदा, पुदीने की पत्तियों के प्रयोग से यदि आप चटनी बनाएंगे या इसकी पत्तियों को खाने का हिस्सा बनाएंगे, तो पाचन शक्ति मजबूत होती है। साथ ही पेट की गर्मी को भी काटता है पुदीना।

धनिया

किसी भी सब्जी की शोभा को बढ़ाता है उस पर ऊपर से डाला हुआ धनिया.... लेकिन केवल सजावट के लिए नहीं, स्वाद और शारीरिक फायदों के लिए प्रयोग किया जाता है धनिया।

मधुमेह पर कंट्रोल

धनिया में विटामिन ‘ए’ पाया जाता है जो मधुमेह को कंट्रोल करता है। इसके अलावा इसके औषधीय गुण शरीर से थकान को भी मिटाते हैं। क्या आप जानते हैं कि धनिया की डंडी को खाने से थायरॉयड पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है। अंत में सबसे बड़ा फायदा यह कि पुदीना की तरह ही धनिया भी जल्द ही उगने लगता है।

करी पत्ता

दक्षिण भारतीय लोग अपनी सेहत को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं। वे कोई ऐसा गलत खाद्य पदार्थ ना खाएं जिससे कि स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव हो, इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं। इसलिए उनकी बनाई चीज़ों में प्राकृतिक पत्तियां जरूर दिखाई देती हैं, खासतौर से करी पत्ता तो उनकी पसंद है।

साउथ इंडियन्स की पसंद

कोई सब्जी हो या फिर सांभर की दाल... सबमें करी पत्ते का प्रयोग जरूर करते हैं साउथ इंडियन लोग। और यह करी पत्ता उस विशेष सब्जी के स्वाद को दोगुणा भी कर देता है। लेकिन क्या आप इसके स्वास्थ्य संबंधी फायदे जानते हैं?

डायबिटीज के मरीजों के लिए

करी पत्ते का सबसे बड़ा फायदा है मधुमेह पर कंट्रोल करना... डॉक्टर भी डायबिटीज के मरीजों को करी पत्ता खाने का सलाह देते हैं। इसके अलावा यह करी पत्ता सब्जियों में डाले जाने वाले अन्य तीखे मसालों से बेहतर होता है और उन मसालों की कमी को अकेला ही पूरा कर देता है।

लहसुन

इस लिस्ट में आखिरी नंबर पर है लहसुन का पौधा... लेकिन आखिरी नंबर पर होने के बावजूद भी इसके गुण कम नहीं हैं। भोजन में लहसुन का सेवन करने से आप कई रोगों से दूर रह सकते हैं। यह एक किस्म का ब्लड प्योरिफायर है, जिसे खाने से रक्त को साफ किया जा सकता है।

कैंसर पर रोक

इसलिए हमारी सलाह है कि रोज़ाना आप घर में बनने वाली दालों में इसे जरूर प्रयोग करें। साथ ही सब्जियों को तड़का लगाते समय भी लहसुन का प्रयोग सही रहेगा। लहसुन का खाद्य पदार्थों में प्रयोग करने का सबसे बड़ा फायदा है कि यह कभी कैंसर को पनपने नहीं देता।

तो कब लगा रहे हैं आप ये पौधे?

तो पिछली स्लाइड्स में बताए गए इन सभी पौधों को कब से आप अपने घर में लगाना शुरू कर रहे हैं? ज्यादा देर मत कीजिएगा, क्योंकि यह विभिन्न रोगों से बचने का सबसे आसान और सस्ता तरीका है।
                                                                                                                                                Source : https://bit.ly/2PQxymR

रामायण की ये 8 बातें, अपने बच्चों को जरूर बताएं|


                  रामायण की ये 8 बातें बच्चे को जरूर सिखाएं

  • माता पिता की भक्ति : रामायण हमें माता-पिता की भक्ति भी सिखाता है। भगवान राम अपनी सौतेली मां की इच्छा का सम्मान करते हुए वन को जानें को तैयार हो जाते हैं। राजा दशरथ उन्हें रोकने की तमाम कोशिशें करते हैं, लेकिन वह इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि पिता का वचन न टूटे। ऐसे में माता-पिता की भक्ति व माता-पिता के सुख के लिए वह हंसकर 14 साल का वनवास स्वीकार कर लेते हैं। आजकल बहुत कम बच्चों में माता-पिता की भक्ति का भाव रहता है। ऐसे में रामायण की ये बातें अपने बच्चों को जरूर बतानी चाहिए |
  • विश्वास की शक्ति : रामायण बताता है कि विश्वास से कठिन से कठिन व असंभव काम को भी किया जा सकता है। रावण से युद्ध से पहले लंका पर आक्रमण करने के लिए समुद्र पार करने की जरूरत महसूस होती है और ये काम मुश्किल लगता है। लेकिन विश्वास की शक्ति व हौसले से वानर सेना समुद्र पर पुल बनाने की सोचती है। वानर सेना इस विश्वास पर कि भगवान राम उनके साथ हैं और वह भवसागर से जरूर पार कराएंगे, पत्थऱों पर राम लिखकर समुद्र में डालती है। पत्थर तैरने लगते हैं और पुल बन जाता है। इससे सीख मिलती है कि हर असंभव काम संभव हो सकता है, लेकिन इसके लिए विश्वास जरूरी है।
  • सबसे समान व्यवहार : रामायण में राम ने सबसे समान व्यवहार किया। चाहे सबरी हो या केवट। राम की नजर में कोई भी छोटा या बड़ा नहीं था। उन्होंने सबरी के झूठे बेर खाए, केवट की नाव पर बैठे।
       
  • बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत : रामायण हमें ये भी सिखाता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है। झूठ या गलत कितना भी बड़ा हो, लेकिन अंत में जीत सच व अच्छाई की ही होती है। रावण पर राम की जीत इसी बात का प्रमाण है।
  • अच्छी संगत बहुत जरूरी : रामायण में अच्छी संगत का महत्व भी बताया गया है। कैकेयी राम से बहुत प्यार करती थी, लेकिन मंथरा की गलत संगत में आकर कैकेयी का दिल बदल गया और उन्होंने राम के लिए 14 साल का वनवास मांग लिया।
  • रिश्ता धन-दौलत से बढ़कर है : रामायण से हम ये भी सीखते हैं कि रिश्ता धन-दौलत से ऊपर है। भगवान राम ने जहां एक तरफ मां-बाप के लिए घर छोड़कर जंगल में रहना स्वीकार कर लिया, वहीं लक्षमण ने बड़े भाई के लिए भी वनवास स्वीकार किया। वहीं भरत ने भी बड़े भाई के रिश्ते का महत्व समझते हुए अपनी राजगद्दी छोड़ दी। ऐसे में हमें रामायण से बच्चों को बताना चाहिए कि लालच व सांसारिक सुखों की जगह रिश्तों को महत्व देना चाहिए
  • माफ करना सीखें, बदला लेना नहीं : रामायण हमें ये भी बताता है कि माफ करना सीखें, बदला लेना नहीं। अगर शूर्पणखा ने लक्षमण व राम के मना करने पर माफ कर दिया होता और जिद न की होती तो उसकी नाक न कटती। रावण ने बहन की नाक कटने के बाद अगर राम व लक्षमण को माफ कर दिया होता तो सीता हरण व युद्ध की नौबत न आती।
       
  • अहंकार रहित : हमें रामायण के जरिये बच्चों को ये भी सिखाना चाहिए कि वे जीवन में कभी अहंकार न करें। भगवान राम को न तो अपने ज्ञान का घमंड था और न ही अपनी शक्ति पर अभिमान था, इसलिए उनकी जीत हुई। जबकि रावण महाज्ञानी था, लेकिन उसके अंदर अभिमान था कि कोई उससे शक्तिशाली नहीं, इस वजह से उसका सर्वनाश हुआ।
  •                                                                                                                        Source: https://bit.ly/2qYB7c2
  • Friday, November 23, 2018

    हिंदुस्तान से जुड़े 10 रोचक तथ्य |



    देश के लिये एक सकारात्‍मक सोच विकसित करने के लिये ही हम आपके सामने रख रहे हैं देश के बारे में 10 तथ्‍य, जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे। या हो सकता है ये तथ्‍य जानने के बाद आपके होश उड़ जायें।

    1.) 'इंडिया' नाम की उत्पत्ति

    "इंडिया' नाम की उत्पत्ति इंड्यूस नाम की नदी से हुई है जो कि इंड्यूस वैली की घाटियों में बहा करती थी।

    2.) कितना बड़ा है भारत

    भारत विश्व में सबसे बड़े आकार वाले देशों की लिस्ट में सातवें नंबर पर है

    3.) भारत में करोड़ो करोड़पति
    भारत में करोड़ो करोड़पति हैं लेकिन भारत में अमीर-गरीब के बीच में काफी अंतर है जिसके कारण यहां गरीबी ज्यादा है।

    4.) कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं

    भारत की कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं हैं, हिंदी अधिकारिक भाषा है जो कि देश के कई राज्यों में बोली जाती है। इसके अलावा अंग्रेजी भी देश के कई राज्यों में बोली जाती है। इसके अलावा देश में तमिल, तेलगू, कन्नड़, मलयालम , मराठी ऐसी भाषाये हैं जो कि देश के 22 राज्यों में बोली जाती है। भारत में 1,652 बोलियां और भाषाओं का प्रयोग किया जाता है।

    5.) सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है

    भारत में हिंदी के बाद सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है। भारत विश्व का 24वां देश हैं जहां सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है। भारत में 22 राज्य हैं जहां हिंदी और अंग्रेजी मानक भाषा के रूप में प्रयोग किया जाता है।

    6.) विश्वविद्यालय

    700 ईसा पूर्व में भारत का पहला विश्वविद्यालय तक्षिला खुला था जिसमें से पढ़े हुए हजारों छात्रों ने विश्व के कोने-कोने में देश की खुशबू फैलायी।

    7.) सबसे बड़ी डाक व्यवस्था

    विश्व की सबसे बड़ी डाक व्यवस्था केवल भारत के ही पास है।

    8.) वाराणसी

    देश की पवित्र नगरी वाराणसी विश्व का सबसे पुराना शहर है।

    9.) आगरा का ताजमहल

    आगरा का ताजमहल विश्व के सात अजूबों में से एक है जिसे कि मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था।

    10.) सबसे बड़ी रोड नेटवर्क

    विश्व की सबसे बड़ी रोड नेटवर्क भारत के ही पास है जो कि 1.9 मिलियन मील के हिस्से को आपस में जोड़ते हैं।

    Thursday, November 22, 2018

    आपके चेहरे और त्वचा की खूबसूरती के लिए नीम के लाभ



    नीम गुणों की खान है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। यह कई बीमारियों से तो बचाता ही है साथ ही त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। नीम का स्‍वाद भले ही कड़वा हो, लेकिन यह बेहद प्रभावशाली होता है। नीम की पत्तियां चबाने से रक्‍त शुद्ध होता है और (मधुमेह)Diabetes भी नियंत्रित रहता है। चेहरे पर नीम की पत्तियों का लेप लगाने से फुंसियां व मुंहासे मिट जाते हैं। आइये जानते हैं नीम के कुछ और सौंदर्यवर्धक लाभ-

    1. फंगल इंफेक्शन पर काबू पाने के लिए नीम

    करीब दो लीटर पानी में 50-60 नीम की पत्तियां डालकर उबालिये। उबालते वक्‍त जब पानी का रंग हरा हो जाय, तो उस पानी बोतल में छान कर रख लें। नहाते समय एक बाल्‍टी पानी में 100 मिली नीम का यह पानी डालें। यह पानी आपको संक्रमण, मुंहासों और वाइटहेड्स से छुटकारा दिलायेगा।

    2. नीम के तेल का उपयोग और लाभ

    नीम का तेल कई साबुनों, नहाने के पाउडर, शैंपू, लोशन, टूथपेस्‍ट और क्रीम में प्रयोग किया जाता है। यह त्‍वचा की शुद्धि करता है।

    3.नीम फेस पैक के फायदे

    10 नीम की पत्‍तियों को संतरे के छिलकों के साथ पानी में उबालिये। इसका पेस्‍ट बना कर उसमें शहद, दही और सोया मिल्‍क मिलाकर एक पेस्‍ट तैयार करें। हफ्ते में तीन बार इसे अपने चेहरे पर लगाने से आपको मिलेगा एक निखरता हुआ चेहरा। साथ ही आपके चेहरे से पिंपल, वाइटहेड्स, ब्लैकहेड्स और पोर्स छोटे हो जाएंगे।

    4. नीम होममेड शैम्पू और कंडीशन

    नीम एक बेहतरीन हेयर कंडीशनर  भी है। पानी में उबालकर और शहद मिलाकर तैयार किया गया नीम का पेस्‍ट बालों में लगाने से रूसी की समस्‍या खत्‍म होती है। साथ ही आपके बाल मुलायम भी बनते हैं।

    5.नीम फेस पैक्स निखरी त्वचा के लिए 

    आपको महंगे-महंगे सौंदर्य प्रोडक्ट्स पर पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं। अगर आपके पास नीम की पत्तियां हैं, तो आपका काम काफी आसान हो जाता है। रात एक कॉटन बॉल को नीम के पानी में डुबोकर उससे अपना चेहरा साफ करें। इससे आपको मुंहासों, झाइयां और ब्‍लैकहेड्स से निजात मिलेगी। एक अकेला नीम आपको इतनी सारी सौंदर्य समस्याएं से निजात दिला सकता है।

       
                                                                                                                                                                                 Source : https://bit.ly/2FKJ9PI

     


    Tuesday, November 20, 2018

    सेब खाने के 10 बेहतरीन फायदे |



    अंग्रेजी में कहा गया है, "एन एपल ए डे", कीप्स द डॉक्टर अवे" अर्थात् एक सेब रोज खाओ और डॉक्टर को दूर भगाओ।
    यह है सेब खाने के १० फायदे जिसे जान कर चौक जाएंगे आप ।

    1. एनीमिया भगाए 
     ये एनेमिया जैसी बीमारी का इलाज भी करता है क्योंकी सेब में आयरन बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है। अगर आप दिन में 2 से 3 सेब खाते है तो यह पूरे दिन की आयरन की कमी को पूरा करता है।

    2. कैंसर के खतरे को कम करे
     सेब में मौजूद क्वरसिटिन व्यक्ति की कोशिकओं को नुकसान पहुचने से बचाता है। इससे कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

    3. मधुमहे से बचाए
     सेब में पाए जाने वाला पेक्टिन जो की ग्लाक्ट्रोनिक एसिड की कमी शरीर में पूरी करता है और इन्सुलिन के उपयोग को कम करता है।

    4. पाचन में सहायक 
    सेब में बहुत अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो की पाचन में मदद करता है। और अगर सेब को उसके छिलके के साथ खाया जाये तो इससे कब्ज़ भी ठीक हो जाता है।

    5. कोलेस्ट्रॉल को कम करे
     सेब में घुलन शील फाइबर पाया जाता है जो कोलेस्ट्रोल को कम करता है।

    6. वजन को नियंत्रित करे
     कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह मोटापा माना जाता है। जैसे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी बिमारियां ज्यादा वजन के कारण ही होती है। सेब में फाइबर उच्च इस्तर में पाया जाता है जो वजन कम करने में मदद करता है।

    7. इम्यून सिस्टम को अच्छा रखे 
    लाल सेब में क्वरसिटिन नमक एंटीओक्सिडेंट पाया जाता है। हाल के अध्ययनों में पाया गया है की क्वरसिटिन आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

    8. लीवर को मजबूत करे 
    हम अपनी रोज़मरा की ज़िन्दगी में थोड़ा-बहुत ज़हरीला खाना खाते है। जिससे हमारा लीवर शरीर से साफ करता है और लीवर को मजबूत रखने के लिए रोज़ एक सेब खाए क्योंकी इसमें एंटीओक्सिडेंट पाए जाते है।


    9. दस्त और कब्ज को मारे 
    सेब फाइबर का भंडार माना जाता है। ये आपको कब्ज़ या दस्त जो छोटे बच्चो में हो जाता है उससे बचता है।

    10. दातों को स्वास्थ्य बनाए
     सेब में फाइबर होता है जिसे आपके दांत अच्छे रहते है। इसमें एंटीवायरल प्रोपेर्तिएस पाई जाती है जो बैक्टीरिया और वायरस को दूर रखता है। और आपके मुंह में थूक की मात्रा को को भी बढ़ाता है।


                                                                                                                                                                             Source: https://bit.ly/2OTU8FY



    Saturday, November 17, 2018

    जानें कैसे करें बच्चों की सही परवरिश!


    किसी बच्चे के लिए उसके माता-पिता ही उसके पहले टीचर होते हैं, जिनसे वो बोलना, चलना और व्यवहार की अन्य आदतें सीखता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा हर क्षेत्र में अव्वल रहे, तो कुछ आदर्श आपको खुद भी प्रस्तुत करने होंगे।

    अक्सर पैरेंट्स बच्चों पर जोर-जबरदस्ती कर उन्हें आदर्श और शिष्टाचार की बातें सिखाने की कोशिश करते हैं, पर क्या आपने कभी गौर किया है कि बच्चे व्यवहार संबंधी सारी बातें आपसे ही सीखते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि आपका बच्चा कल को आपके ही नक्शेकदम पर चलेगा। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपकी सुने और उसमें अच्छे गुण आएं, तो आपको उसके सामने खुद की एक मिसाल पेश करनी होगी। बच्चे की प्रथम पाठशाला उसका अपना घर होता है, जहां पैरेंट्स उसके टीचर होते हैं। सामाजिकता, व्यवहारिकता और नैतिकता की बातें बच्चे घर से ही सीखते हैं। बच्चों में यदि आप आदर्श मूल्य स्थापित करना चाहते हैं, तो उसकी शुरुआत खुद से ही करें।

    मीठा बोलें, अच्छा बोलें!

    बच्चे सही और गलत में फर्क नहीं कर पाते, ऐसे में पैरेंट्स होने के नाते आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप उनको सही और गलत में फर्क समझाएं। अकसर देखा गया है कि बच्चे अपने अभिभावक या परिवार की शह पर ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। यही नहीं, यदि आप भी अपनी बोलचाल में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं, तो संभव है कि बच्चा भी आपकी नकल करे। इसलिए बच्चों से कभी भी कड़वी भाषा न बोलें। साधारण बातचीत में भी अच्छे शब्दों का ही इस्तेमाल करें। इसी तरह आप उनको सही तरीके से कम्युनिकेट करना भी सिखा सकते हैं, मगर इसके लिए आपको एक अच्छा श्रोता बनना पड़ेगा। इसलिए आप जब भी अपने बच्चे से बात करें, हमेशा आंखों से आंखें मिलाकर बात करें। इससे बच्चे को लगेगा कि आप उसमें रुचि ले रहे हैं। फलस्वरूप उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वो अपनी हर बात आपसे शेयर करेगा।

    शिष्टाचार भी है जरूरी!

    अच्छी आदतें और व्यवहार की कुछ बातें बच्चे बिना सिखाए ही आपसे सीख लेते हैं। जैसे रोजमर्रा की जिंदगी में यदि आप उनके साथ व्यवहार करते हुए सम्मान व आदर सूचक संबोधन करेंगे, तो वे भी प्रतिक्रिया देंगे। इसलिए ‘कृपया’ और ‘धन्यवाद’ जैसे शब्द हमेशा अपने बच्चों के सामने बोलें। आपकी इस तरह की प्रतिक्रिया निश्चित रूप से बच्चे को प्रभावित करेगी और इस तरह आप अपने बच्चे के लिए रोल मॉडल बन जाएंगे।

    कहीं अंतर्मुखी ना बना दे रिश्तों का सीमित दायरा!

    संयुक्त परिवार का आधार धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और लोग अब अपने आप में सिमटने लगे हैं। ऐसे माहौल में पले-बढ़े बच्चे आत्मकेंद्रित हो रहे हैं। इसके लिए वे दोषी भी नहीं हैं, क्योंकि आपने उन्हें माहौल ही ऐसा दिया है। वे दादा-दादी, नाना-नानी की कहानियों से महरूम तो हो ही रहे हैं, साथ ही साथ वे अन्य रिश्तों से भी दूर हो रहे हैं। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो बच्चे पूरी तरह से पढ़ाई में समर्पित हो जाते हैं, लेकिन परिवार और समाज से दूर होते जाते हैं, उनका आईक्यू तो ठीक रहता है, पर संपूर्ण विकास नहीं हो पाता।

    बच्चों को अगर आप सही रूप से पारिवारिक स्तर पर विकसित करना चाहते हैं, तो आपको परिवार के अन्य सदस्यों से मधुर रिश्ता बनाना होगा। पर्व-त्यौहार के मौके पर उनसे मिलें। बच्चों को भी उनसे घुलने मिलने दें। झगड़ा होने पर बच्चे को इधर से उधर संदेश पहुंचाने का माध्यम न बनाएं। ऐसी स्थिति में उसके लिए सही-गलत तय करना मुश्किल हो जाता है। यह चीज उसके अंदर असुरक्षा की भावना भर देती है, जिससे उसका व्यक्तित्व प्रभावित होता है। इसलिए बच्चे को अपनी लड़ाई से दूर ही रखें।

    बच्चों को आरंभ से ही व्यवहार संबंधी जरूरी बातें सिखाएं और खुद भी ऐसा करें। बड़ों का आदर करना, छोटों को प्यार देना, आपस में बांटने की भावना, ये सारी बातें बच्चा आपसे ही नकल करता है। आपका बच्चा उचित व्यवहार सीखे, इसके लिए आपको खुद भी व्यवहार कुशल बनना पड़ेगा। इससे न सिर्फ पारिवारिक, बल्कि सामाजिक भावना को भी आप आपने बच्चे में विकसित कर पाएंगे।

    हेल्दी होगा फूड, तो बच्चा रहेगा कूल!

    अकसर पेरेंट्स की शिकायत होती है कि उनका बच्चा कुछ खाता ही नहीं। चलो मान लेते हैं कि कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, पर प्रयास तो आपको करना ही पड़ेगा। बच्चों में खाने की अच्छी आदत विकसित करना चाहते हैं, तो उनमें खाने की नकल करने की प्रवृत्ति डालें। हेल्दी फूड और उससे होने वाले लाभ को कहानियों के माध्यम से बताएं। खाने का प्रेजेंटेशन बेहतर रखें। जो भी रेसिपी हो, उनके साथ टेबल पर बैठ कर खाएं। खाने के दौरान उन्हें टीवी बिलकुल न देखने दें। खाने के लिए उनके पीछे-पीछे भागें भी नहीं।

    सिखाएं बच्चे को साफ-सफाई की अच्छी बातें!

    सफाई की आदत अत्यंत महत्वपूर्ण आदत है, जो बच्चों को स्वच्छ, निरोग और प्रसन्नचित्त रखती है। समय से उठना, शौचालय जाना, दांतों की सफाई करना, नित्य स्नान करना, अपने शरीर व आसपास के वातावरण को साफ रखना, व्यायाम करना आदि अच्छी आदतें हैं, जो बच्चों में डालनी अत्यंत आवश्यक हैं और ऐसा माहौल आपको ही तैयार करना होगा। अगर आप इन सारी आदतों पर ध्यान देंगे, तो आपका बच्चा भी इनके लिए प्रेरित होगा। हर काम के लिए एक उचित रूटीन बनाएं और कड़ाई से उसको फॉलो करें।क्यूंकि ज्यादा सख्ती बच्चे को उद्दंड भी बना सकती है, इसलिए कभी-कभी उसको छूट देने की गुंजाइश भी रखें।

    कैसा है स्कूल में आपका बच्चा!

    बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत नर्सरी से होती है, जहां वे अपने पैरेंट्स से दूर टीचर से संबंध बनाते हैं। चूंकि टीचर के साथ उनका संबंध दोस्ताना होता है, आप बच्चों के सामने किसी शिक्षक के बारे में अपमानजनक भाषा में बात न करें। आपको यह समझना चाहिए कि एक शिक्षक आपके बच्चे को अच्छी बातें ही सिखाते हैं। इसलिए कभी भी शिक्षक की क्षमता पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगाना चाहिए। शिक्षक के प्रति सद्व्यवहार को विकसित करें और उनके प्रति अपनी शुभकामनाएं पेश करें। अगर बच्चे में शिक्षक के प्रति सम्मान की भावना होगी, तो ही वह टीचर की सुनेगा।

    जरूरी है बच्चे के साथ ‘क्वालिटी टाइम’ गुजारना!

    बच्चों के साथ समय बिताएं। चाहे आप उन्हें पूरा समय नहीं दे पाते हों, पर जितना भी वक्त दें, पूरे अटेंशन के साथ उनके साथ रहें। इससे उनका पारिवारिक बाउंडेशन स्ट्रॉन्ग होगा। उनके साथ गेम खेलें, कहानियां सुनाएं। ये छोटे-छोटे पल बच्चों की मेमोरी में जा बैठते हैं। मानसिक स्तर पर वे ज्यादा खुश भी रहते हैं। फन के साथ-साथ क्रिएटिव एक्टिविटीज भी उनके साथ करें। होमवर्क करते समय साथ बैठें। कोई अच्छी मूवी आई हो, तो सीडी मंगवाकर उनके साथ बैठ के देख सकते हैं, या प्रेरक वीडियो वगैरह भी उनके साथ देख सकते हैं। आपका ये साथ उनको जरूर हर क्षेत्र में अव्वल बनाएगा और आप बन जाएंगे उनके रोल मॉडल।

    Source :- https://bit.ly/2RZ8aId

    Friday, November 16, 2018

    15 Benefits of Drinking Lemon Water in Morning Empty Stomach

    Lemon is one of the most popular and versatile citrus fruit. Its popularity is owed to it’s refreshing flavor and scent making it a popular choice for flavoring many recipes and perfumes. Lemon is also widely used in all sorts of drinks from teas and cocktails to juices. Along with its obvious use as a flavor, lemon since long has also been used for its medicinal value. A rich source of vitamin C, lemon possess immense health benefits ranging from its antibacterial and antiviral properties to its immune boosting abilities. One of the most common ways to reap the health benefits of lemon is by juicing it. Lemon juice acts as a digestive and a detoxifying agent and helps in cleaning the liver leading to better digestive health.




    Lemon juice is also an effective way to reduce weight as it increases the body’s metabolic rate. For people looking to use lemon for its weight loss abilities, drinking lemon juice with warm water on an empty stomach every morning can produce amazing results. Along with the weight loss benefits, drinking warm lemon water every morning also has numerous other benefits. The nutrition experts at Edison Institute of Nutrition have listed some of the most effective health benefits of drinking lemon juice with warm water every morning.

    First Thing in Morning. 

    1. As a rich source of vitamin C, lemon juice protects the body from Immune system deficiencies.
    2. Drinking lemon juice with warm water every morning helps in maintaining the pH balance of the body.
    3. With its powerful antibacterial properties, lemon juice helps fight infections
    4. Acts as a detoxifying agent.
    5. Helps with maintaining digestive health.
    6. Along with vitamin C, lemons are also a rich source of potassium, calcium, phosphorus, magnesium etc.
    7. Helps fight common cold
    8. Lemon water is also a popular remedy for many kinds of skin problems ranging from acne, rashes and wrinkles to dark spots.
    9. Lemon juice with warm water helps in quick weight loss as it promotes digestion and increases the metabolic rate.
    10. Lemon juice is also very effective at cleansing the liver as it promotes the liver to flush out toxins
    11. Lemon’s anti-inflammatory properties help in fighting respiratory tract infections, sore throat and inflammation of tonsils.
    12. Lemon juice with warm water helps keep the body hydrated as it provides electrolytes to the body.
    13. Drinking lemon juice with warm water also helps reduce joint and muscle pain.
    14. Lemon juice with warm water is also good for your dental health as it helps with toothache and prevents gingivitis.
    15. Lemon juice with warm water helps with digestion and hence, helps regulate natural bowel movement.
    Source :- https://bit.ly/2ftgC4v

    Wednesday, November 14, 2018

    डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए आज से ही शुरू करें ये 5 घरेलू उपाय.

    डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें और परहेज करें. इसके अलावा कई ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनसे आप डायबिटीज कंट्रोल करके एक सामान्य जीवन जी सकते हैं.

    मोटापा और डायबिटीज आज के समय की दो सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हैं. अस्त-व्यस्त जीवनशैली, गलत खानपान इसके प्रमुख कारण हैं लेकिन लाइफस्टाइल और भोजन की आदतों में सुधार करके हम इन समस्याओं से बच सकते हैं.


    डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेवल बहुत बढ़ जाता है जिससे शरीर की इंसुलिन उत्पादन क्षमता प्रभावित होने लगती है. कई बार ऐसा भी होता है कि शरीर सक्रिय रूप से इंसुलिन का इस्तेमाल ही नहीं कर पाता हैं.

    डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए सबसे जरूरी तो ये है कि आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें और परहेज करें. इसके अलावा कई ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनसे आप डायबिटीज को कंट्रोल करके एक सामान्य जीवन जी सकते हैं.

    1. तुलसी की पत्त‍ियों के इस्तेमाल से कंट्रोल करें डायबिटीज
    तुलसी की पत्त‍ियों में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स को इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं. ये सेल्स इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाती हैं. सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं. आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं. इससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है.

    2. दालचीनी का पाउडर लेना भी है बहुत फायदेमंद
    दालचीनी भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला एक प्रमुख मसाला है. दालचीनी के प्रयोग से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है. ये ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने और नियंत्रित करने में मददगार है. इसके नियमित सेवन से मोटापा भी कम किया जा सकता है. दालचीनी को महीन पीसकर पाउडर बना लें और उसे गुनगुने पानी के साथ लें. मात्रा का विशेष ध्यान दें. बहुत अधिक मात्रा में ये पाउडर लेना खतरनाक हो सकता है.

    3. ग्रीन टी पीना भी है फायदेमंद
    ग्रीन टी में उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है. ये एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट है. जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार है. प्रतिदिन सुबह और शाम ग्रीन टी पीने से फायदा होगा.

    4. सहजन की पत्त‍ियों का रस भी है फायदेमंद
    सहजन की पत्त‍ियों का रस भी डायबिटीज कंट्रोल करने में बहुत कारगर है. ड्रमस्ट‍िक की पत्त‍ियों को पीसकर उसे निचोड़ ले और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें. इससे शुगर लेवल बढ़ेगा नहीं.

    5. जामुन के बीजों के सेवन से
    जामुन के बीज भी डायबिटीज कंट्रोल करने में फायदेमंद हैं. जामुन के बीजों को अच्छी तरह सुखा लें. सूखने के बाद इन्हें पीसकर एक चूर्ण बना लें. सुबह खाली पेट जामुन के बीजों को गुनगुने पानी के साथ लें. इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.