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Saturday, April 23, 2011

Mamtamai Shri Radhe Maa






" गुरुर  ब्रम्हा  गुरुर  विष्णु 
  गुरुर  देवो  महेश्वरः
  गुरुर  साक्षात्  परब्रम्हा
  तस्मै  श्री  गुरवे  नमः ”

इस पावन श्लोक को हम अपने जीवन में अनगिनत बार पढ़ भी चुके हैं और सुन भी चुके हैं,परन्तु क्या हमने इसके अर्थ या उसके अर्थ की गहराई में कभी जाने की चेष्टा की? अधितम लोगों का उत्तर ना ही होगा, "गुरु" मात्र शब्द ही नहीं बल्कि इसमें पूरा ब्रह्माण्ड समाया हुआ है,"गुरु" शब्द दो अक्षरों को मिला कर अपना आस्तित्व पाता है, "गु" और "रु" , "गु" का अर्थ है अन्धकार और "रु" का सामान्य अर्थ है मुक्ति दिलाने वाला,तो "गुरु" का भावार्थ हुआ अन्धकार दूर करना वाला, अब यदि इसपे भी विशेष रौशनी डाली जाए तो उपरोक्त श्लोक का भावार्थ समझना होगा, जो की इस प्रकार है :- 
गुरु श्रृष्टि रचयिता श्री ब्रह्मा जी के सामान है जो अपने छात्रों में एक सुन्दर चरित्र का निर्माण करता है, गुरु श्रृष्टि के पालनकर्ता विष्णु जी के समान है जो उस सुन्दर चरित्र की रक्षा करता है और गुरु संहारकर्ता शिवजी के सामान है जो बुरी आदतों और बुरे चरित्र का संहार करता है !

 प्रभु श्री राम जी के गुरु वशिष्ठ , श्री कृष्ण जी के गुरु संदीपनी जी ने भी उनके जीवन में मत्वपूर्ण योगदान किया है , इसलिए हिन्दू शास्त्रों में गुरु की सेवा परम सेवा बतायी गयी है! शिष्य का परम कर्तव्य है की अपने गुरु द्वारा बताये सत्मार्ग पर चले और सदा उनके चरणों में अपनी सेवा देता रहे ! ममतामयी श्री राधे माँ जी के आदरणीय गुरु श्री श्री १००८ महंत राम दीन दास जी महराज ने भी श्री राधे माँ की दिव्य शक्तियों को जाना परखा और उन्हें और भी ज्यादा प्रभावित करने में मदद की ,दिनचर्या में कठिन जप तप आदि उनका नित्कर्म हुआ करता था!

गुरु शिष्य परंपरा और गुरु सेवा की एक जीती जागती मिसाल हैं ममतामयी श्री राधे माँ, उन्होंने सदा अपने आदरणीय गुरु जी का विधिवत्त आदर सम्मान किया तथा विश्वभर में उनके नाम का प्रचार भी किया है,श्री राधे माँ जी विशेष तौर पर मात्र गुरु जी के लिए ही पंजाब भ्रमण करती रही हैं, करुणामयी श्री राधे माँ जी की अंतर्मन से इच्छा थी की उनके गुरु जी हवाई जहाज़ का सफ़र करें और विदेश भ्रमण भी करें और उन्होंने अपनी इन इच्छाओं को पूर्ण भी किया, हर कार्य निज हाथों से सम्पूर्ण कर नाम सदा गुरु जी का ही सबके समक्ष रखा! 



ममतामयी श्री राधे माँ के पावन सानिध्य में लगातार पिछले ८ वर्षों से चैत्र की राम नवमी के दिवस भव्य और दिव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जाता है,और महत्वपूर्ण बात ये है की श्री राधे माँ जी का स्वयं का भवन होते हुए भी, यह भव्य शोभायात्रा आज भी आदरणीय गुरु जी के आश्रम "डेरा परमहंस बाग़ " से ही प्रारंभ की जाती है तथा यात्रा का अंत भी डेरा परमहंस बाग़ पर ही होता है, श्री राधे माँ जी के आदरणीय गुरु श्री श्री १००८ महंत श्री राम दीन दास जी वर्ष २००९ में करीब १५१ वर्ष की आयु में उनका पावन पुण्य शारीर शांत हुआ और आत्मा पंचतत्व में विलीन हो गयी , गुरु जी के परलोक गमन पश्चात श्री राधे माँ जी ने आदरणीय गुरु जी के आदर,सम्मान एवं स्मृति में एक भव्य मंदिर का निर्माण भी किया है,जबकि उनका स्वयं का भवन,गुरूजी के आश्रम से छोटा ही है!

मैं (मनमोहन गुप्ता) अपने आपको बड़ा भाग्यशाली और धन्य महसूस करता हूँ ,की ऐसे महापुरुष की परम शिष्या और हमारी ममतामयी श्री राधे माँ जी ने हमारे घर परिवेश को पिछले कुछ वर्षों से अपना धाम बना लिया है, सही मायनों में तो हमे उनकी शरण में आने के बाद ही,भक्ति,श्रद्धा, प्रभु ध्यान ,गुरुसेवा का परमार्थ समझ आया है,  मैंने और मेरे परिवार ने पिछले कुछ वर्षों में ये  परम अनुभव किया है की यदि आप तन और मन से गुरु सेवा करें तो आपकी हर मनचाही मुराद पूरी होती है!

Thursday, April 21, 2011

Wednesday, April 20, 2011

Mamatamai Shri Radhe Maa


दिनांक १८ अप्रैल २०११ को हर साल की तरह इस साल भी अपने भक्तों की विशेष बिनती पर ममतामयी श्री राधे माँ ने पठानकोट के निकट स्तिथ सिद्ध काठगढ़ महादेव जी के दर्शन कियेl



देवी माँ जी के साथ मुकेरियां के कई भक्तों को भी इस अनूठे शिवलिंग के दिव्य दर्शनों का लाभ मिला, जो की प्राचीन काल से दो शिलाओं में विभाजित है, पौराणिक कथाओं के अनुसार बड़ी शिला को शिव जी और छोटी शिला को पार्वती जी माना गया है और यह दोनों शिलाएं समय समय पर जुडती  और अलग होती रहती हैंl

स्थानीय लोगों ने भी जब करुणामयी श्री राधे माँ के दर्शन किये तो वो भी अपने को धन्य धन्य मानने लगे!

 
मिक्की सिंग और उनके साथी कलाकारों ने रल मिल के शेरांवाली माँ और शिव भोले बाबा का सुन्दर मनमोहक गुणगान किया और शिव भोला समिति द्वारा लंगर की सुंदर व्यवस्था भी की गयीl



पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी में प्रभुत्ता को लेकर द्वन्द हुआ और इस युद्ध को रोकने हेतु शिव जी ने मध्यस्तता की और एक अग्नि स्तम्भ का रूप ले दोनों के मध्य विराजमान हो गए, कहते हैं काठगढ़ महादेव की दोनों शिलाओं में से बड़ी वाली शिला वही अग्नि स्तम्भ है!

Tuesday, April 19, 2011

Saturday, April 16, 2011

Param Shradhey Shri Radhe Maa


हिन्दू शास्त्र कहते हैं की प्रभु हमेशा ही भक्त के आधीन होते हैं,जब जब भक्तों ने आर्त पुकार की है प्रभु ने बिनती अवश्य ही स्वीकार की है और भक्तों को निहाल किया है, ममतामयी श्री राधे माँ पिछले कुछ दिनों से अपने भक्तो की विनम्र प्रार्थना पर पंजाब के दौरे पर हैं,जहाँ उन्होंने कुछ भक्तो के घर अपने पावन चरण कमल रखने की असीम कृपा की है , ऐसे ही Chief parliament secretary punjab ( Food Civil Supplies & Consumer affairs) श्री अरूणेश शाकिर जी की भावपूर्ण बिनती पर, करुणामयी श्री राधे माँ जी ने अपनी दयादृष्टि रखते हुए इनके (श्री अरूणेश शाकिर ) घर परिवेश में अपनी कृपा के मोती बरसाए ,इस शुभ बेला में करीब  रात ९ बजे से १ बजे तक चली देवी माँ जी की विशाल चौकी में श्री कर्मा रोपड्वाला जी और श्री मिक्की सिंह जी ने अपनी सुमधुर वाणी से मीठे मीठे भजन गाकर, माँ का गुणगान कर अपनी हाज़री भरी, और भक्तों को भाव विभोर कर दिया! 
 
 
१२ अप्रैल को हुई भव्य और दिव्य शोभा यात्रा में तो देवी माँ जी ने खुल्ले दर्शन दिए ही थे पर माँ भगवती और श्री राधे माँ जी की कृपा से अरूणेश जी के द्वारा आयोजित इस विशाल चौकी में मुकेरियां वासियों ने फिर से इक बार ममतामयी श्री राधे माँ जी के दिव्य दर्शन पा कर देवी माँ जी की जय जयकार की और खुद को निहाल किया!
 




Wednesday, April 13, 2011

Mamtamai Shri Radhe Maa - Shobha Yatra 2011


चैत्र की नवरात्री के राम नवमी के  पावन, शुभ और मंगल अवसर पर  ममतामयी श्री राधे माँ जी के पुण्य सानिध्य में डेरा परमहंस बाग़,मुकेरियां (पंजाब) में ,शाम ५ बजे , भव्य राम दरबार,विभिन्न देवी देवताओं की मनुहारी झान्कियाओं के संग माँ की पावन ज्योत के दर्शन,सारा का सारा वातावरण उत्साह,भक्ति,लगन और श्रद्धा से भरपूर, ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो पूर्ण देवलोक स्वयं धरती पर अवतरित हो गया हो , इस भव्य शोभा यात्रा का मुख्या आकर्षण रहा ममतामयी श्री राधे माँ जी के निर्मित विशेष रथ जिसे विशेष तौर पर इस राम नवमी की भव्य शोभायात्रा हेतु बनवाया गया था, इस स्वर्ण रथ में चारों ओर मीनाकारी किये हुए स्तम्भ और ऊपरी नक्काशी के दोनों ओर दो स्वर्ण शेर विराजमान थे और ऐसा आभास दे रहे थे कि हम खुश नसीब हैं जो राधे माँ जी के इस अप्रतिम रथ कि शोभा बने हैं, वातानुकूलित इस अनुपम रथ में देवी माँ जी का आसन और उसके निकट ही महंत बाबा बलदेवदास जी का आसन सजाया गया था भक्ति से भरी तन्मयेता का ऐसा अनूठी संरचना बड़े ही विरले लोगों को देखनी नसीब होती है!
करीब ५.३० बजे करुणामयी श्री राधे माँ जी ने स्वयं रथ पर सवार होकर ,बेसब्री से इंतज़ार कर रहे अपने भक्तों को अपने दुर्लभ और दिव्य दर्शनों से निहाल कर दिया और बड़ी ही सुन्दर और आकर्षक आतिशबाजी सहित इस भव्य शोभायात्रा का शुभारम्भ  हुआ ,ज्यूँ ही यात्रा शुरू हुई ऊपर आसमान से एक विमान से पुष्पों की वर्षा से स्वागत किया गया और   ये पुष्पों से भरा स्वागत यात्रा में निरंतर होता रहा, यात्रा में अपनी हाजरी लगाने और श्री राधे माँ जी के दिव्य दर्शन पाने के लिए सुप्रसिद्ध गायक मास्टर सलीम ,श्री सरदूल सिकंदर ,मिक्की सिंह, माशा अली  और संजीव कोहली ने पूरी यात्रा में भावपूर्ण भजनों से माँ का और इस शोभायात्रा का गुणगान  किया ,डेरा परंहंस बाग़ से निकल के यात्रा पूरे मुकेरियां शहर से गुजरी और हज़ारों कि तादाद में मुकेरियां वासियों ने देवी माँ जी के विशाल और सुन्दर स्वर्णिम रथ के आगे  नाच नाच कर माँ का स्वागत किया एवं आरती उतार कर अपने भाव प्रकट किये और रज रज ममतामयी श्री राधे माँ जी के दुर्लभ दर्शनों का लाभ लिया 
लगभग ६ घंटे चली इस मनमोहक,मनुहारी और अनुपम शोभायात्रा में सारे विश्व भर से पधारे भक्तों ने बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया और इस शोभायात्रा को फलदायी , इच्छापूरक और  सफल तो बनाया ही परन्तु भक्तों ने  स्वयं अक्षय पुण्य के भागी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया
जय माता दी     
 

Tuesday, April 12, 2011

Mamtamai Shri Radhe Maa - 'Maa Bhagwati Jagran' - Mukerian - 11th April, 2011

Mamtamai Shri Radhe Maa - 'Maa Bhagwati Jagran' - Mukerian - 11th April, 2011


ममतामई श्री राधे माँ के भक्तो के लिए कल रात 'नवरात्री की अष्टमी महामाई की विशाल चौकी' के संग बड़ी धूम धाम के साथ मनाई गयीl मुकेरियां स्थित डेरा परमहंस बाग़ के विशाल प्रांगन में माँ भक्त मास्टर सलीम, मिक्की सिंह और संजीव कोहली द्वारा माता का सुन्दर गुणगान हुआl

करीब १०.३० बजे करुणामयी 'श्री राधे माँजी' का आगमन हुआ और बैंड बाजे, आतिशबाजियों संग उनका भव्य स्वागत किया गया, अष्टमी की रात 'देवी माँजी' ने अपने दुर्लभ और दिव्य दर्शन देकर भक्तो की नवरात्री सफल कर दीl






Monday, April 11, 2011

Mamtamai Shri Radhe Maa - Chowki at Mukerian - 9th April, 2011

  ऐसा कहते हैं के जहाँ भी सच्ची भक्ति,श्रद्धा और प्रेम से प्रभु का  गुणगान होता है वहां ३३ कोटि देवी देवता भी अपनी हाजरी भरते हैं ,९ अप्रैल २०११ को मुकेरियां (पंजाब) के वासी डॉक्टर सुशील सहगल जी द्वारा आयोजित ममतामयी श्री राधे माँ जी के पावन सानिध्य में माँ भगवती की विशाल चौकी में ठीक ऐसा ही कुछ दृश्य देवी माँ के भक्तो देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ,माता का बड़ा ही आकर्षक और सुन्दर दरबार सजाया गया था जिसमे हनुमान जी, गणेश जी और मध्य में माँ दुर्गा की मनमोहक और निराली प्रतिमा विराजमान थी, शास्त्रों और विधि विधान अनुसार ज्योत प्रज्वलित कर मिक्की सिंह द्वारा भेटों का बड़ा ही सुरीला और भावपूर्ण कार्यक्रम आरम्भ हुआ! 

 रात्री करीब ९ बजे करुणामयी श्री राधे माँ जी का आगमन हुआ और मानो माँ भगवती की चौकी मेंन चार चाँद लग गए, ज्योत के दर्शन कर श्री राधे माँ ने अपने दुर्लभ और दिव्या दर्शन देकर मुकेरियां वासियों को कृतार्थ किया, लम्बे समाये के इंतज़ार और दर्शन की प्यास को मानो देवी माँ जी ने तृप्त कर दिया l

Friday, April 8, 2011

Mamtamai Shri Radhe Maa - माँ भगवती की विशाल चौकी

  गुरूवार रात जब ममतामयी श्री राधे माँ अपनी कर्मभूमि मुकेरियां (पंजाब ) पहुंची तो प्रतीक्षा कर रहे भक्तों के चेहरे पे रौनक छा गयी और कुछ की आँखों से भावना भरे आंसू छलक उठे , भक्तो को देख साफ़ प्रतीत  हो रहा था की उनकी अंतर्मन की अर्दासों को देवी माँ ने कुबूल किया और उन्हें अपने दुर्लभ और  दिव्य दर्शनों से कृतार्थ किया है , ९ अप्रैल २०११ शाम ७ बजे से करुणामयी श्री राधे माँ जी के सानिध्य में माँ भगवती की विशाल चौकी ,मुकेरियां बड़े बस स्टैंड के पास  डॉक्टर सुशिल सहगल जी के यहाँ होने वाली है , सभी भक्तगण सादर आमंत्रित हैं 

Thursday, April 7, 2011

Param Shradhey Shri Radhe Maa

चंडीगढ़ में भव्य स्वागत के पश्चात अब ममतामयी श्री राधे माँ अब अपनी कर्मभूमि मुकेरियां (पंजाब ) प्रस्थान करने जा रही हैं,करुणामयी राधे माँ जी के आने का समाचार सुन मानो पंजाब की धरती फूली नहीं समां रही,देवी माँ जी के भक्त जो की इतने लम्बे समय से ममतामयी श्री राधे माँ का इंतज़ार कर रहे थे,अब उनकी प्रतीक्षा ख़त्म हुई और उनकी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा है ,राम नवमी के इस महोत्सव में माँ के आने का समाचार क्या मिला मानो, हवाएं भी माँ की धुन में डोलने लग गयीं हैं, फसलें मानो ख़ुशी से झूम झूम के नाच रही हैं और सारा मुकेरियां शहर श्री राधे श्री राधे की धुन में रम गया है और राधेमय हो गया है
खानपुर,मुकेरियां में नवनिर्मित श्री राधे माँ भवन में मानो रौनकें लग गयी हैं और भवन की एक एक ईंट जय श्री राधे माँ -जय श्री राधे माँ का गुणगान कर रही हैं!

चैत्र के नवरात्रों की राम नवमी में जो की १२ अप्रैल २०११ को पड़ रही है ,इसमें करुणामयी श्री राधे माँ जी के पावन सानिध्य में भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया गया है जिसमे श्री राम दरबार संग अन्य कई देवी देवताओं की भव्य और दिव्य झांकियों के दर्शन होंगे, यह भव्य शोभा यात्रा शाम ४ बजे डेरा परमहंस बाग़ से आरम्भ हो कर ,अपनी निर्धारित यात्रा पूर्ण कर डेरा परमहंस बाग़ पर ही सम्पूर्ण होगी ,सारा मुकेरियां शहर तन्मयता से इस भव्य शोभा यात्रा में बढ चढ़ के भाग लेता है और देवी माँ जी के  दुर्लभ और दिव्य दर्शन पाकर धन्य धन्य हो जाता है

मुकरेंन पंजाब में राम नवमी के शुभ अवसरपर जोरोसे चल रही है  'शोभा यात्रा' की  खास तैयारींयाl  'ममतामई श्री राधे माँ' के  रथ को बनानेमें जुटे है भक्त l