Friday, March 22, 2019

हनुमानजी की जन्म कथा - Story of Lord Hanuman's birth


महावीर हनुमान को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार कहा जाता है और वे प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हैं। हनुमान जी ने वानर जाति में जन्म लिया। उनकी माता का नाम अंजना (अंजनी) और उनके पिता वानरराज केशरी हैं। इसी कारण इन्हें आंजनाय और केसरीनंदन आदि नामों से पुकारा जाता है। वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार हनुमान जी को पवन पुत्र भी कहते हैं।

हनुमान जी के जन्म के पीछे पवन देव का भी योगदान था। एक बार अयोध्या के राजा दशरथ अपनी पत्नियों के साथ पुत्रेष्टि हवन कर रहे थे। यह हवन पुत्र प्राप्ति के लिए किया जा रहा था। हवन समाप्ति के बाद गुरुदेव ने प्रसाद की खीर तीनों रानियों में थोड़ी थोड़ी बांट दी।

खीर का एक भाग एक कौआ अपने साथ एक जगह ले गया जहा अंजनी मां तपस्या कर रही थी। यह सब भगवान शिव और वायु देव के इच्छा अनुसार हो रहा था। तपस्या करती अंजना के हाथ में जब खीर आई तो उन्होंने उसे शिवजी का प्रसाद समझ कर ग्रहण कर लिया। इसी प्रसाद की वजह से हनुमान का जन्म हुआ।

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                                                                                                                                                                                  Source:https://bit.ly/2FmUl1D

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