रामहि केवल प्रेम पियारा | जानि लेऊ जो जाननिहारा ||
अर्थात प्रभु को केवल प्रेम ही प्यारा है,यह रहस्य की बात है की प्रभु को प्रेम के सामान न सीता जी प्यारी हैं,न लक्ष्मण जी और न भारत जी क्यूंकि जब भी कोई प्रभु को प्रेम से आर्त पुकार कर बुलाता है तो वे सबकुछ त्याग कर वहां पहुँच जाते हैं | हमारे वेदों, पुराणों,शास्त्रों और उपनिषदों में भी वर्णन है की प्रभु भक्त की भक्ति के अधीन होते हैं, यदि भक्त की भक्ति में शक्ति हो तो,अपने भक्त से मिलने के लिए और उसकी रक्षा के लिए वे भी आतुर रहते हैं,जैसे प्रभु श्री राम शबरी से कहते हैं :
कह रघुपति सुनु भामिनी बाता | मानऊँ एक भगति कर नाता ||
प्रभु कहते हैं की मैं सबसे भक्ति का ही नाता रखता हूँ,जो भी सच्चे ह्रदय से मुझे ययद करता है मैं सर्वस्व त्याग कर उसकी रक्षा को पहुँच जाता हूँ,.इसलिए प्रेमियों,सदा प्रेम से,श्रद्धा से ही भगवान् का भजन और ध्यान करना चाहिए | इसलिए ही भजन-कीर्तन और जागरणों को महत्त्व दिया गया है जहाँ भगवत भक्ति के वातावरण में हम सच्चे भाव प्रभु के प्रति उनके पावन चरणों में रख पायें और अपना व् अपने परिवार का कल्याण व् उद्धार कर सकें |
भगवत भक्ति की इस सुन्दर ,फलदायी और कल्याणकारी प्रथा को आगे बढाते हुए ममतामयी श्री राधे माँ जी के पावन सानिध्य में उनके ही जन्मोत्सव वाले दिन विश्वकल्याण और विश्व शांति के लिए मुंबई में एक विराट माँ जगदम्बे जागरण का आयोजन किया जाता है , एक विशाल मंच पर माँ शेरावाली सहित अन्य कई भगवानो की ऊंची ,सजग और मनमोहक मूर्तियों का श्रिंगार किया जाता है ,जहाँ सारी रात भारत वर्ष के सुप्रसिद्ध कलाकार अपनी सुमधुर वाणी से महामाई का सुन्दर गुणगान कर माँ के चरणों में ध्यान लगाते हैं और भक्तिमय वातावरण से आये श्रद्धालुओं को भक्तिरस से सरभोर कर देते हैं | इस जागरण का विशेष आकर्षण होता है करुणामयी श्री राधे माँ के दिव्य-दुर्लभ और खुल्ले दर्शन ,जहाँ जागरण के मध्य में घंटों से प्रतीक्षा कर रहे अपने भक्तों की दर्शन की प्यास भुजाते हुए बड़े हर्शौल्ल्हास के साथ कृपालु श्री राधे माँ जी का भव्य स्वागत किया जाता है ,दरबार तक पहुँच कर सर्वप्रथम देवी माँ जी पवित्र ज्योत के और मूर्तियों के दर्शन कर अपने आसन पर विराजमान हो जाती हैं और भक्तों को अपनी कृपादृष्टि का अमृतपान कराती हैं ,जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से करुणामयी श्री राधे माँ जी के दर्शन करता है उसकी मनवांछित इच्छा पूरी होती है ,देश विदेश जैसे,अमेरिका ,लन्दन ,हांगकांग ,दुबई, ऑस्ट्रेलिया ,नुजीलैंड आदि देशों से से भक्त इस दिन माँ की सेवा और दर्शन प्राप्त करने मुंबई पधारते हैं | हज़ारों लाखों की मात्र में भक्त देवी माँ जी के दिव्य-दुर्लभ दर्शन कर अक्षय पुन्य के भागी बनते हैं |
http://www.speaभक्तों के लिए लंगर की व्यवस्था भी की जाती है ,सारी व्यवस्था सुचारू ढंग से चले इसलिए जागरण के करीब एक महीना पहले से ही निशुल्क पासेस का वितरण शुरू कर दिया जाता है ,जो की राधे माँ भवन , बोरीवली वेस्ट से ग्रहण किये जा सकते हैं,अधिक जानकारी के लिए आप टल्ली बाबा ( पंजाबी में मंदिर की घंटी को टल्ली कहा जाता है) जी से +919820969020 पर संपर्क कर सकते हैं |
जय माता दी |
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