करुणामयी श्री राधे माँ जी मुकेरियां के भगतों को निहाल करने के पश्चात हिमाचल के सुन्दर घने पर्वतों में स्थित नौ देवियों में सबसे छोटी बेहेन 'माँ चिंतपूर्णी' के दिव्य दर्शन करने पधारे |
पुराणों के अनुसार यह भी मान्यता है की सती के पावन मृत शारीर को भेदने हेतु जब विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र चलाया था तो शक्ति के कुछ अंग इस पवित्र स्थान पर भी गिरे थे,हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित इस पवित्र तीर्थ स्थान को माँ छिन्नमस्तिका भी कहा जाता है!
हिन्दू शास्त्र ऐसा मानते हैं की यदि आप ऐसी कोई तीर्थ यात्रा किसी सिद्ध महापुरुष या सद्गुरु के साथ करें तो आपको ८० (अस्सी) तीरथ के बराबर का फल मिलता है !
ऐसी मान्यता है के मंदिरों ,देवालयों और किसी भी दिव्य स्थान पर यदि योगी,साधक,ऋषि-मुनि या सद्गुरु दर्शन करने आते हैं तो उस स्थान का प्रभाव या तेज और अधिक बढ़ जाता है!
पंजाब के भक्तों ने भी माँ चिंतपूर्णी जी के दिव्य दर्शन कर 'देवी माँजी' के दर्शन का लाभ लिया |
सुप्रसिद्ध भजन गायक श्री करमा रोपड़ वाले जी ने भी माँ चिंतपूर्णी के यहाँ हाजरी लगाकर 'देवी माँजी'' के दिव्य दर्शन का लाभ उठाया |
दर्शनों के पश्चात "शिव भोला समिति" मुकेरियां द्वारा भक्तों के लिए स्वादिष्ट लंगर की भी व्यवस्था की गयी थी |
यदि गुरु मंदिर जाएँ और का प्रभाव और तेज़ बढ़ जाये तो ज़रा सोचिये की गुरुवार यदि अपने किसी भक्त के यहाँ पदार्पण कर दें तो उस घर आँगन के तो भाग ही खुल जाते होंगे,गुरु जब भी किसी के अपने पावन चरण कमल डालते हैं तो संग संग अपने भीतर समाई सकारात्मक ऊर्जा ओ भी उस घर परिवेश में फैला देते हैं,जिससे वाही ऊर्जा आप में आती है और उसके बाद जब आप अपने कार्ख्सेत्र में जाते हैं तो यही सकारात्मक ऊर्जा आपके काम भी बनती है!
ऐसे ही चिंतपूर्णी जी के दर्शन के पश्चात देवी माजी के अनन्य भक्त श्री बिपिन जी ने ''देवी माँजी'' को जालंधर में अपने घर में चरण कमल डालने की बिनिती की | बिपिन जी की भक्ती, प्यार और मोहब्बत देख ''देवी माँजी'' ने उनकी इस बिनिती को स्वीकार किया |
जालंधर के भक्तों ने 'देवी माँजी' के आगमन के लिए भव्य स्वागत की तय्यारी की थी |
'देवी माँजी' ने खुले दिल से अपने दिव्य दर्शन दे कर सब भक्तों को निहाल किया |
श्री बिपिन जी ने 'राधे माँ जी' के स्वागत में 'माँ भगवती' के विशाल जागरण का आयोजन किया जिसमे शान-ए-पंजाब श्री 'सरदूल सिकंदरजी' ने भी अपनी सुमधुर वाणी से हाजरी लगायी और वातावरण को और अधिक दिव्य एवं भक्तिमय बना दिया|
2 comments:
Jai mata di.. Radhe ma my name is Sumit Kalia.. I'm from Kalia bloodline/linage the pujari who discovered mata chintapurni mandir was also kalia i'm from his decendant..Ma aap he mata chintapuri ke avatar ho ...JMD.. kripa karo maa
Jai Radhe Shakti ma ji da bol sache darbar ki jai
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