Pages

Tuesday, February 5, 2019

भगवान् गणेश और कुबेर की कहानी |




एक बार की बात है, धन के देवता कुबेर को अपने ऊपर घमंड हो गया, की वो सबसे अमीर देवता हैं| अपने धन का वैभव दिखाने के लिए एक बार इन्होने एक शानदार भोज रखी, और सारे देवताओं को आमंत्रित किया|
भगवान् शिव को भी किया| किसी कारण वश शिवजी भोज में जा नहीं पाए| अरे भई…., जब कोई न्योता आता है, तो किसी न किसी को तो जाना ही पडता है, हाजरी देने के लिए|
तो शिव भगवान् ने हमारे प्यारे गणपति बप्पा को बोला बेटा तू चला जा, आज में थोडा कहीं और बिजी हूँ| तो चले गए बाल गणेश भोज अटेंड करने|
फिर क्या था, वहां जा कर गणेशजी ने भोजन करना शुरू किया, और देखते देखते सारा की सारा खाना खा गए|
गणेशजी की भूख ही न मिटे| उन्होंने वहां रखे हुए बर्तनों को भी खाना शुरू कर दिया| जब बर्तन भी नहीं बचे तो पूरे अलकापुरी शहर में जो कुछ भी मिला उसे ही खा गए|
अब कुछ बचा नहीं खाने को, तो कुबेर को ही खाने के लिए उसकी तरफ दोड़े| फिर क्या था, अपनी जान बचाने के लिए कुबेर ने हिमालय पर्वत पर भगवान शिव की शरण ली, और कहा मुझे गणेशजी से बचाओ|
भगवान् शिव ने एक कटोरे में थोड़े से उबले हुए चावल गणेशजी को दिए| तब जाकर उनकी भूख मिटी| बस गणेशजी ने ये सब कुबेर को सबक सीखने के लिए किया|
सिख :-
बच्चो इससे हमें क्या सीखने को मिला बताओ| कभी भी आपके पास चाहे कितना भी धन हो आप कितने भी अमीर हो कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए|
बल्कि हमारे पास अगर धन ज्यादा है तो उसे अच्छे कामों में खर्च करना चाहिए| नहीं तो गणपति बप्पा आ जाएँगे सबक सिखाने|
For medical & educational help, we are a helping hand. For more info, visit us at www.radhemaa.com
                                                                                                                                                    Source:https://bit.ly/2GaB72i

No comments:

Post a Comment