Shri Radhe Maa, also called Mamtamai Shri Radhe Guru Maa and Guru Maa by her devotees, is a Hindu spiritual teacher and guru from India. Shri Radhe Maa emphasises the need for surrender to God, humility, truthfulness, self-discipline and self-restrain. Radhe Maa urges devotees to engage with society through initiatives like donation of blood, clothes, food, books and medicines to orphanages, old age homes and sadhus
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Saturday, November 24, 2018
रामायण की ये 8 बातें, अपने बच्चों को जरूर बताएं|
रामायण की ये 8 बातें बच्चे को जरूर सिखाएं
माता पिता की भक्ति : रामायण हमें माता-पिता
की भक्ति भी सिखाता है। भगवान राम अपनी सौतेली मां की इच्छा का सम्मान
करते हुए वन को जानें को तैयार हो जाते हैं। राजा दशरथ उन्हें रोकने की
तमाम कोशिशें करते हैं, लेकिन वह इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि पिता का
वचन न टूटे। ऐसे में माता-पिता की भक्ति व माता-पिता के सुख के लिए वह
हंसकर 14 साल का वनवास स्वीकार कर लेते हैं। आजकल बहुत कम बच्चों में
माता-पिता की भक्ति का भाव रहता है। ऐसे में रामायण की ये बातें अपने
बच्चों को जरूर बतानी चाहिए |
विश्वास की शक्ति : रामायण बताता है कि विश्वास से कठिन से कठिन व असंभव काम को भी किया जा सकता है।
रावण से युद्ध से पहले लंका पर आक्रमण करने के लिए समुद्र पार करने की
जरूरत महसूस होती है और ये काम मुश्किल लगता है। लेकिन विश्वास की शक्ति व
हौसले से वानर सेना समुद्र पर पुल बनाने की सोचती है। वानर सेना इस विश्वास
पर कि भगवान राम उनके साथ हैं और वह भवसागर से जरूर पार कराएंगे, पत्थऱों
पर राम लिखकर समुद्र में डालती है। पत्थर तैरने लगते हैं और पुल बन जाता
है। इससे सीख मिलती है कि हर असंभव काम संभव हो सकता है, लेकिन इसके लिए
विश्वास जरूरी है।
सबसे समान व्यवहार : रामायण में राम ने सबसे समान व्यवहार किया।
चाहे सबरी हो या केवट। राम की नजर में कोई भी छोटा या बड़ा नहीं था।
उन्होंने सबरी के झूठे बेर खाए, केवट की नाव पर बैठे।
बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत : रामायण हमें ये भी सिखाता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है। झूठ या गलत कितना भी बड़ा हो, लेकिन अंत में जीत सच व अच्छाई की ही होती है। रावण पर राम की जीत इसी बात का प्रमाण है।
अच्छी संगत बहुत जरूरी : रामायण में अच्छी संगत का महत्व भी बताया
गया है। कैकेयी राम से बहुत प्यार करती थी, लेकिन मंथरा की गलत संगत में
आकर कैकेयी का दिल बदल गया और उन्होंने राम के लिए 14 साल का वनवास मांग
लिया।
रिश्ता धन-दौलत से बढ़कर है : रामायण से हम ये भी सीखते हैं कि
रिश्ता धन-दौलत से ऊपर है। भगवान राम ने जहां एक तरफ मां-बाप के लिए घर
छोड़कर जंगल में रहना स्वीकार कर लिया, वहीं लक्षमण ने बड़े भाई के लिए भी
वनवास स्वीकार किया। वहीं भरत ने भी बड़े भाई के रिश्ते का महत्व समझते हुए
अपनी राजगद्दी छोड़ दी। ऐसे में हमें रामायण से बच्चों को बताना चाहिए कि
लालच व सांसारिक सुखों की जगह रिश्तों को महत्व देना चाहिए।
माफ करना सीखें, बदला लेना नहीं : रामायण हमें ये भी बताता है कि
माफ करना सीखें, बदला लेना नहीं। अगर शूर्पणखा ने लक्षमण व राम के मना करने
पर माफ कर दिया होता और जिद न की होती तो उसकी नाक न कटती। रावण ने बहन की
नाक कटने के बाद अगर राम व लक्षमण को माफ कर दिया होता तो सीता हरण व
युद्ध की नौबत न आती।
अहंकार रहित : हमें रामायण के जरिये बच्चों को ये भी सिखाना चाहिए
कि वे जीवन में कभी अहंकार न करें। भगवान राम को न तो अपने ज्ञान का घमंड
था और न ही अपनी शक्ति पर अभिमान था, इसलिए उनकी जीत हुई। जबकि रावण
महाज्ञानी था, लेकिन उसके अंदर अभिमान था कि कोई उससे शक्तिशाली नहीं, इस
वजह से उसका सर्वनाश हुआ।
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