🌺 मकर सक्रांति🌺
मकर संक्रांति पर इस साल दुर्लभ महायोग बन रहा है। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश की प्रक्रिया को हिन्दू धर्मशास्त्र में संक्रान्ति कहा जाता है, इसी तरह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रान्ति के रुप से पहचाना जाता है।
करीब 28 साल बाद बना दुर्लभ महायोग 12 राशियों धारको के लिए दस गुना फलदायक होगा। मकर संक्रान्ति यानी 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगें। पिता-पुत्र के मिलन का लाभ लगभग दो महीने तक रहेगा ।
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मलमास समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही शुभ कार्यो की शुरुवात भी 14 जनवरी से ही हो जाएगी।हमेशा की तरह इसबार भी मकर संक्रान्ति 14 जनवरी को मनाई जाएगी।
क्या खास रहेगा इस बार मकर संक्रातिं पर !
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ज्योतिषार्चायों के अनुसार इस बार मकर संक्रान्ति के पूरे दिन पुण्य काल रहेगा। इस दिन तीर्थ स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन साल का पहला पुष्य नक्षत्र है मतलब खरीदारी के लिए बेहद शुभ दिन।
मकर संक्रान्ति से पहले 13 जनवरी को सुबह 7.14 से रात 11.14 बजे तक साल का पहला शुभ पुष्य नक्षत्र पड रहा है।इसी तरह 14 जनवरी दोपहर 1.55 से सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
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इस दिन का योग 28 साल के बाद बन रहा है। मकर प्रवेश के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग व चंद्रमा कर्क राशि में और अश्लेषा नक्षत्र के अलावा प्रीति तथा मानस योग भी रहेगा।
इन नक्षत्रों का योग बेहद शुभ दुर्लभ और श्रेष्ठ है। इस योग से संक्रान्ति पर 12 राशियों के धारकों को दस गुना फलदायी हो सकता है।
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क्यों करते है मकर संक्राति पर दान !
वैसे तो हिन्दू धर्म के साथ साथ सभी धर्मो में हर रोज दान का विशेष महत्व होता है, लेकिन मकर संक्रान्ति पर दान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रान्ति के दिन दान करने से पुण्य अन्य दिनों की तुलना में कई गुणा बढ जाता है।
दान किसे देना चाहिए इसका उल्लेख भी किया गया है। इस दिन गरीब को अन्नदान, जैसे तिल व गुड़ का दान देना चाहिए। इसमें तिल या तिल से लड्डू या तिल से बने खाद्य पदार्थों को दान देना चाहिए है।
धर्म शास्त्रों में विश्वास करने वाले मानते है कि कोई भी धर्म कार्य तभी फलदायी है जब पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ दिया जाता हो । दान क्षमतानुसार दिया जाना चाहिए।
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हरे कृष्ण
मकर संक्रांति पर इस साल दुर्लभ महायोग बन रहा है। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश की प्रक्रिया को हिन्दू धर्मशास्त्र में संक्रान्ति कहा जाता है, इसी तरह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रान्ति के रुप से पहचाना जाता है।
करीब 28 साल बाद बना दुर्लभ महायोग 12 राशियों धारको के लिए दस गुना फलदायक होगा। मकर संक्रान्ति यानी 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगें। पिता-पुत्र के मिलन का लाभ लगभग दो महीने तक रहेगा ।
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मलमास समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही शुभ कार्यो की शुरुवात भी 14 जनवरी से ही हो जाएगी।हमेशा की तरह इसबार भी मकर संक्रान्ति 14 जनवरी को मनाई जाएगी।
क्या खास रहेगा इस बार मकर संक्रातिं पर !
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ज्योतिषार्चायों के अनुसार इस बार मकर संक्रान्ति के पूरे दिन पुण्य काल रहेगा। इस दिन तीर्थ स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन साल का पहला पुष्य नक्षत्र है मतलब खरीदारी के लिए बेहद शुभ दिन।
मकर संक्रान्ति से पहले 13 जनवरी को सुबह 7.14 से रात 11.14 बजे तक साल का पहला शुभ पुष्य नक्षत्र पड रहा है।इसी तरह 14 जनवरी दोपहर 1.55 से सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
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इस दिन का योग 28 साल के बाद बन रहा है। मकर प्रवेश के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग व चंद्रमा कर्क राशि में और अश्लेषा नक्षत्र के अलावा प्रीति तथा मानस योग भी रहेगा।
इन नक्षत्रों का योग बेहद शुभ दुर्लभ और श्रेष्ठ है। इस योग से संक्रान्ति पर 12 राशियों के धारकों को दस गुना फलदायी हो सकता है।
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क्यों करते है मकर संक्राति पर दान !
वैसे तो हिन्दू धर्म के साथ साथ सभी धर्मो में हर रोज दान का विशेष महत्व होता है, लेकिन मकर संक्रान्ति पर दान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रान्ति के दिन दान करने से पुण्य अन्य दिनों की तुलना में कई गुणा बढ जाता है।
दान किसे देना चाहिए इसका उल्लेख भी किया गया है। इस दिन गरीब को अन्नदान, जैसे तिल व गुड़ का दान देना चाहिए। इसमें तिल या तिल से लड्डू या तिल से बने खाद्य पदार्थों को दान देना चाहिए है।
धर्म शास्त्रों में विश्वास करने वाले मानते है कि कोई भी धर्म कार्य तभी फलदायी है जब पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ दिया जाता हो । दान क्षमतानुसार दिया जाना चाहिए।
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हरे कृष्ण
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