प्रिय भक्तो,
आदि काल से प्रभु सिमरन और उनके गुणगान की पावन प्रथा चली आ रही है ,प्राचीन काल में तो ऋषियों ,मुनियों और कई भक्तों ने हजारों वर्ष तपस्या करने के बाद ही प्रभु के दिव्य-दुर्लभ दर्शन पाए परन्तु हम कलयुग में जन्मे लोगों का कल्याण करने के लिए प्रभु ने दो सहज और सरल मार्ग बताये है ,जी हाँ मात्र दो,पहला नाम स्मरण और दूसरा कीर्तन-भजन , हिन्दू शास्त्र कहते हैं की यदि आपकी भक्ति में शक्ति हो यानी पूरी श्रद्धा ,विश्वास और आस्था के साथ अगर आप भक्ति करें तो आप भी प्रभु मिलन का शुभावसर पा सकते हैं , नामस्मरण और प्रभु कीर्तन-भजन दोनों ही जल और पवन के सामान हैं नामस्मरण यदि जल है तो कीर्तन-भजन पवन ,स्वयं के पूरक भी और दोनों ही भक्ति के पूरक भी हैं I शायद इसलिए ही शास्त्रों में जागरण की प्रथा को महत्त्व दिया गया है ,जागरण यानि रात भर जाग कर,अपनी नींद त्याग कर प्रभु का भजन कीर्तन करना और अपनी मनोकामनाएं सिद्ध करना है I
वेदों,पुराणों और उपनिषदों में जो कहा गया है उन सत्मार्गों का अनुसरण करते हुए करुणामयी श्री राधे माँ जी के मुखारविंद के वचन हैं की जितना माँ शेरावाली का नाम और कीर्तन गाया जाए उतना ही ज्यादा मानव जाती का कल्याण होगा ,इस ही हितार्थ पिछले नौ वर्षों से लगातार मुंबई में माँ जगदम्बे के विराट जागरण का आयोजन किया जाता है ,यह भव्य और दिव्य आयोजन विशेषतः ममतामयी श्री राधे माँ जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है ,जिसमे विश्व भर से कृपालु श्री राधे माँ जी के भक्त पधार कर अपनी अपनी यथाशक्ति सेवा करते हैं और बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं ,देश के कई सुप्रसिद्ध भजन गायक पधार कर सारी रात महामाई का सुन्दर गुणगान करते हैं और देवी माँ जी को रिझाते हैं I मूलतः करुणामयी श्री राधे माँ जी मुकेरियां (पंजाब) से हैं पर पिछले नौ वर्षों से मुंबई के एक प्रतिष्ठित परिवार जो की एम् एम् मिठाईवाला के नाम से जाना जाता है के निवास्थान को अपना धाम बना चुकी हैं इस परिवार का हर सदस्य देवी माँ जी के चरणों से जुड़ा हुआ HAI और हर पल हर क्षण उनकी सेवा में तत्पर रहता है I
३ मार्च को महामाई का विराट जागरण ,रात नौ बजे से फिल्मसिटी,गोरेगांव (ईस्ट) में आयोजित किया जा रहा है ,माँ जगदम्बे की पावन ज्योत और देवी माँ जी के दिव्य दुर्लभ दर्शनों के लिए आप सभी भक्तजन सहपरिवार आमंत्रित हैं
जय माता दी |
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