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Monday, March 28, 2011

Jodhpur welcomes Param Shradhey Shri Radhe Maa at Umaid Bhawan Palace

 
जय माता दी ,
                         
 
                   हिन्दू धर्म में दर्शनों का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है, मीरा बाई, नरसिंह मेहता , द्रौपदी , भक्त प्रह्लाद सहित अनगिनत उदाहरण हैं जहाँ भक्त की आर्त पुकार पर प्रभु ने  भक्त को दर्शन देकर कृतार्थ किया है  ,दर्शन का एक और रूप है तीर्थ यात्रा, जैसे चार धाम, हरिद्वार में गंगा जी के दर्शन,हृषिकेश,अमरनाथ,वैष्णो देवी संग तिरुपति बालाजी  आदि की यात्रा,भक्तों द्वारा  ऐसे तीर्थ स्थानों की यात्रा करने से पाप, कष्ट आदि का निवारण तो होता ही है साथ ही साथ मन को बड़ी दिव्य शांति भी प्राप्त होती है!और यदि यही तीर्थ यात्रा आप किसी सिद्ध महापुरुष या सद्गुरु के साथ करें तो आपको ८० (अस्सी)  तीरथ के बराबर का फल मिलता है ! ऐसी मान्यता है के मंदिरों ,देवालयों और किसी भी दिव्य स्थान पर यदि योगी,साधक,ऋषि-मुनि या सद्गुरु दर्शन करने आते हैं तो उस स्थान का प्रभाव या तेज और अधिक बढ़ जाता है!

ममतामयी श्री राधे माँ ने ठीक इसी प्रकार पिछले कुछ दिनों में राजस्थान में स्तिथ कई तीर्थ स्थानों के दर्शन किये तथा  उनके साथ गए भक्तों  का कल्याण भी किया , दिनांक १४ मार्च २०११  को देवी माँ जी जयपुर से सीधा शीश के दानी श्री खाटू श्याम बाबा जी के दर्शन करने खाटू पधारे और यहाँ श्याम सांवरे के दर्शन कर अपने संग आई संगत का भी कल्याण किया, ज्यूँ ही करुणामयी श्री राधे माँ के आने का सुसमाचार मिला तो खाटू की सभी सुप्रसिद्ध समितियों और मंडलों ने बड़े ही सुनियोजित ढंग से श्री राधे माँ के स्वागत और दर्शनों की व्यवस्था की,उस वक़्त मानो सारा वातावरण भक्तिमय और एक त्यौहार में परिवर्तित हो गया था,सुप्रसिद्ध भजन गायक श्री लखबीर सिंग लक्खा जी जो पहले से ही खाटू श्याम बाबा की सेवा में थे, श्री राधे माँ के आने की खबर सुन उन्होंने (लक्खा जी ) भी देवी माँ जी के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया ! हम भक्त जो, ममतामयी श्री राधे माँ की  पावन शरण में हैं,हम उन्हें नंद्किशोर देवकीनंदन प्यारे कृष्ण कन्हैय्या के रूप में भी देखते हैं ! कई बार जब देवी माँ जी ध्यान मग्न मौज में होतीं हैं तो ठीक वैसी ही लीलाएं करतीं हैं जो हम श्री बालकृष्ण के बारे में पढ़ या सुन चुके हैं!

इसके बाद देवी माँ जी पुष्कर की पावन स्थली पर सृष्टि रचयिता श्री ब्रह्मा जी के दर्शन करने पहुंचे,यहाँ भी श्री राधे माँ जी के भक्तों ने बड़े सुन्दर आयोजन  के अंतर्गत पूरे विश्व में एक मात्र ब्रह्मा जी के मंदिर में बड़े ही सुन्दर और मनुहारी  दर्शन करवाए! जैसे ही  श्री राधे माँ के पावन चरण कमल ब्रह्मा जी के मंदिर परिसर में पड़े तो ब्रह्मा जी के आदर में मानो देवी माँ जी के ह्रदय से "ॐ  एंग  ह्रिंग श्रिंग  क्लिं सौह सत चिड एकं ब्रह्मा"  इस पावन मंत्र का नाद हुआ और सारा प्रांगण श्री राधे माँ संग ब्रह्म चरणों में नतमस्तक हो गया! 

इसके पश्चात श्री राधे माँ जी ने अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज़ हज़रत मुइनुद्दीन चिश्ती की पाक़ दरगाह के दर्शन कर भक्तों के समक्ष उदाहरण रख दिया के उनका ध्येय मात्र प्राणियों में सद्भावना और सर्वधर्म सम्मान का सन्देश फैलाना है,किसी भी धर्म विशेष को माँ महत्व नहीं देती बल्कि मानावता के धर्म को ही महत्व मिलना चाहिए,इसके पश्चात देवी माँ जी ने चुरू स्तिथ सालासर हनुमान जी के दर्शन हेतु  प्रस्थान किया फिर करणी माता जी के पावन दर्शन कर जोधपुर के लिए रवाना हो गए जहाँ ममतामयी श्री राधे माँ जी के लिए भक्तो ने प्रसिद्ध उमेद पैलेस में भव्य स्वागत सहित रहने का इंतजाम किया,भारतवर्ष और विदेश से पधारे कई भक्त जो इस दिव्यता से परिपूर्ण तीर्थ यात्रा में शामिल हुए थे , माँ के दुर्लभ और दिव्य दर्शनों कर अपना एवं अपने परिवारजनों का कल्याण किया!

हम आशा और मनोकामना करते है की ममतामयी श्री राधे माँ जी हमे सदा अपने चरणों में ऐसे ही लगाये रखें और हमे सेवा का यूँ ही शुभावसर प्राप्त होता रहे

जय श्री राधे माँ

जय माता दी   

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